अस्पताल के टेंडर्स पर फैसला होगा सोमवार को
ठेकों को लेकर अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युवजन समाज ने जताया विरोध, कहा बंद हो ठेका प्रथा।
रतलाम। जिला अस्पताल की सफाई, सुरक्षा और यहां की ओपीडी पर्ची का नए सिरे से ठेका करने के लिए टेंडर बुला लिए गए हैं। बुधवार को इन्हें डालने का अंतिम दिन था। अब इन पर सोमवार को फैसला हो सकता है। उधर अभा अजा युवजन समाज ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि ठेका प्रथा बंद होना चाहिए।
जिला अस्पताल की सफाई व्यवस्था का ठेका पिछले साल इंदौर की एक फर्म को दिया गया था जबकि सुरक्षा का ठेका भी निजी फर्म को ही दे रखा है। इसके लिए तय कर्मचारी यहां रखकर जिला अस्पताल और बाल चिकित्सालय की सफाई करवाई जाना है। सफाई को लेकर यहां आए दिन शिकायतें आती रही है।
कलेक्टर बी चंद्रशेखर ने जब यहां का निरीक्षण शुरू किया तो वे दो बार इस फर्म पर जुर्माना ठोक चुके हैं। हालांकि ठेकेदार फर्म के ठेके की समयावधि समाप्त हो चुकी है फिर भी नए टेंडर नहीं होने से इसके कार्य को ही आगे बढ़ाया जा रहा था। अब सफाई, सुरक्षा और ओपीडी पर्ची के लिए नए सिरे से रोगी कल्याण समिति ने टेंडर बुलाए हैं। ये टेंडर पेटी में बंद हो गए हैं और इन पर संभवत: सोमवार को कोई निर्णय हो सकेगा।
ठेका प्रथा बंद हो
अभा अजा युवजन समाज के जिलाध्यक्ष अमर चौहान व शैलेंद्र खरे कलेक्टर, श्रम आयुक्त, सीएमएचओ और सिविल सर्जन को अलग-अलग भेजे पत्र में कहा कि श्रम अधिनियम के तहत जो प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक मिलना चाहिए वह सफाई कर्मचारियों को नहीं दिया जाकर शोषण किया जा रहा है।
पूंजीपति और एनजीओ के माध्यम से ये ठेके होते हैं जिससे श्रमिक वर्ग का शोषण हो रहा है। इस व्यवस्था पर तुरंत रोक लगाकर श्रम अधिनियम का पालन करने वाली फर्म को ही यह कार्य दिया जाए। इसी तरह निजी विद्यालयों में भी सफाईकर्मी और सुरक्षा कर्मचारियों के लिए यह नियम लागू किया जाए।
सोमवार तक कोई निर्णय
सफाई और सुरक्षा के लिए टेंडर बुलाए गए थे। अब इनके बारे में रोगी कल्याण समिति सोमवार को फैसला लेगी। इसमें कलेक्टर के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन जिला अस्पताल