होटल एंड रेस्टोरेंट की और से अभिभाषक बृजेश शर्मा ने याचिका दाखिल की थी। इसमें बताया कि रतलाम शहर के एक होटल में नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद प्रशासन द्वारा रतलाम में स्थित होटलों की जांच की गई लेकिन जांच करने में होटल में रूकने वाले लोगों की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया और होटल में सर्च करने के पहले कोई सर्च वारंट भी प्राप्त नहीं किया गया।
कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई
होटल के परिसर में तलाशी लेने और जरूरी कागजातों की जब्ती करने के जिन कानूनी प्रक्रियाओं को अपनाया जाना चाहिए था उसे ना अपनाते हुए भय का माहौल बना दिया गया। होटल की और से दिए गए तर्क में बताया गया कि होटल में रूकने वाले लोगों के निजता के अधिकार का हनन हुआ है। इसी बात को लेकर होटल पलाश एंड रेस्टोरेंट महू रोड रतलाम ने मप्र हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में एक रिट याचिका दाखिल कर इस पूरी प्रक्रिया को चुनौती दी है।
होटल के परिसर में तलाशी लेने और जरूरी कागजातों की जब्ती करने के जिन कानूनी प्रक्रियाओं को अपनाया जाना चाहिए था उसे ना अपनाते हुए भय का माहौल बना दिया गया। होटल की और से दिए गए तर्क में बताया गया कि होटल में रूकने वाले लोगों के निजता के अधिकार का हनन हुआ है। इसी बात को लेकर होटल पलाश एंड रेस्टोरेंट महू रोड रतलाम ने मप्र हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में एक रिट याचिका दाखिल कर इस पूरी प्रक्रिया को चुनौती दी है।
निर्देशों का नहीं किया पालन
याचिका के माध्यम से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा होटलों में तलाशी और जब्ती के संबंध में कई बार दिशा निर्देश जारी किए गए है लेकिन उसके बाद भी पुलिस और प्रशासन द्वारा बिना प्रक्रिया अपनाए होटलों में आईडी कार्ड जब्त किए गए है और तलाशी ली गई है। उक्त प्रक्रिया से होटल व्यवसायी को नुकसान उठाना पड़ा है। एेसा कोई कारण नहीं था कि पुलिस और प्रशासन को इतनी औचक कार्यवाही की आवश्यकता आ पड़ी हो। पीडि़त पक्ष ने प्रशासन द्वारा की गई उक्त कार्यवाही को रद्द करने और आगे से एेसी कार्यवाहियों के लिए गाइडलाइन तय करने के लिए हाईकोर्ट से रिट जारी करने की सहायता चाही है।
याचिका के माध्यम से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा होटलों में तलाशी और जब्ती के संबंध में कई बार दिशा निर्देश जारी किए गए है लेकिन उसके बाद भी पुलिस और प्रशासन द्वारा बिना प्रक्रिया अपनाए होटलों में आईडी कार्ड जब्त किए गए है और तलाशी ली गई है। उक्त प्रक्रिया से होटल व्यवसायी को नुकसान उठाना पड़ा है। एेसा कोई कारण नहीं था कि पुलिस और प्रशासन को इतनी औचक कार्यवाही की आवश्यकता आ पड़ी हो। पीडि़त पक्ष ने प्रशासन द्वारा की गई उक्त कार्यवाही को रद्द करने और आगे से एेसी कार्यवाहियों के लिए गाइडलाइन तय करने के लिए हाईकोर्ट से रिट जारी करने की सहायता चाही है।