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हाईब्रीड पौधों ने उद्यानिकी विभाग को घाटे में डाला, अब हर नर्सरी पर तैयार करेंगे एक लाख पौधे

locationरतलामPublished: Jul 28, 2019 05:42:11 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

हाईब्रीड पौधों ने उद्यानिकी विभाग को घाटे में डाला, अब हर नर्सरी पर तैयार करेंगे एक लाख पौधे

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हाईब्रीड पौधों ने उद्यानिकी विभाग को घाटे में डाला, अब हर नर्सरी पर तैयार करेंगे एक लाख पौधे

रतलाम। अंगूर, पीएनआर अमरूद, अनार, नींबू, सीताफल, आम, एप्पल बेर की खेती में प्रसिद्ध रतलाम जिले की शासकीय विभाग की नर्सरियों के दिन लदते जा रहे है। हालात तो इतने खराब है कि नर्सरियों को खर्चा भी नहीं निकल पा रहे हैं। क्योंकि जो पौधे किसानों को चाहिए वह विभागीय नर्सरी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है और अन्य प्रदेशों में तैयार होकर जिले में पहुंच रहे हाईब्रीड पौधों की पूछ परख बढ़ गई है। इस कारण साल दर साल उद्यानिकी विभाग की नर्सरी से किसान दूर होते जा रहे हैं, और नर्सरियों उजाड़ होती जा रही है।
उद्यानिकी विभाग की नर्सरियों को घाटे से उभारने के लिए नवाचार किया जा रहा है, ताकि अन्य प्रदेश पर निर्भर न रहते हुए जिला स्तर की शासकीय नर्सरियों पर किसान पहुंचे और यहां तैयार किए जा रहे कलमी-फल-फूल के पौधों को लेकर बागवानी में लगाई। इस संबंध में जिला कार्यालय पर वरिष्ठालय से निर्देश भी पहुंचे है कि प्रत्येक नर्सरी में १ लाख पौधे तैयार किए जाए। जिसमें ८० प्रतिशत कलमी पौधे तैयार किए जाएंगे, २० प्रतिशत अलग-अलग प्रकार के फूलों के पौधे तैयार होंगे।

जिले की छह नर्सरियां
उल्लेखनीय है कि उद्यानिकी विभाग के कर्मचारियों की माने तो १० साल पूर्व ५-७ लाख रुपए करीब प्रति नर्सरी विभागीय आय होती थी, लाखों पौधे तैयार होते थे और किसान यहां से लेकर भी जाते थे। अब जो किसान पौधे लगाना चाहता नर्सरियों पर जैसे वीएनआर अमरूद, एप्पल बेर, सीताफल एनआरसी, गोल्डन आदि वैरायटियां उपलब्ध नहीं होती। जिले में डोसीगांव, आम्बा, शिवगढ़, रावटी, जावरा, ताल ने उद्यान विभाग की नर्सरियां है।

प्रत्येक नर्सरी पर 1 लाख

प्रत्येक नर्सरी पर 1 लाख पौधे तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें कलमी और फूलों के पौधे भी तैयार किए जाएंगे, ताकि नर्सरियों की दशा सुधरे और किसानों को अच्छी वैराटियों के पौधे उपलब्ध करा सके।
पी. कनेल

उपसंचालक उद्यानिकी, रतलाम

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