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आईसीयू बना ‘बीमारी का स्टोर रूमÓ

locationरतलामPublished: Aug 07, 2019 12:08:07 pm

Submitted by:

Sourabh Pathak

आईसीयू बना ‘बीमारी का स्टोर रूमÓ

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मुख्यमंत्री भूूपेश के गृहजिले में बेमौत मरेंगे गरीब मरीज, पांच सौ बिस्तर जिला अस्पताल की ICU को किया बंद

रतलाम। किसी भी अस्पताल का सबसे सुरक्षित वार्ड इंसेंसिव केयर युनिट (आईसीयू) को माना जाता है, जहां पर गंभीर मरीजों का उपचार किया जाता है लेकिन रतलाम जिला अस्पताल का आईसीयू गंभीर बीमारियों का ‘स्टोर रूमÓ बनकर रह गया है। यहां आईसीयू के प्रोटोकॉल का हर समय उल्लंघन होता है। यहां बड़ी संख्या में दवाइयों के कार्टून, गंदे चद्दर और अन्य सामान रखे गए हैं। जिससे मरीजों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है।
आईसीयू को लेकर चिकित्सा विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। रतलाम जिला अस्पताल के आईसीयू को जनरल वार्ड की तरह प्रयोग किया जा रहा है। जनरल वार्ड की तरह मरीजों के परिजन उनके पास ही रहते हैं। इतना ही नहीं परिजनों के साथ उनके मिलने वाले भी आईसीयू में डेरा जमाए रहते हैं। गंदगी, कबाड़ व स्टोर में तबदीलकिसी भी अस्पताल में आईसीयू के भीतर मरीज के परिजनों को रहने की अनुमति नहीं दी जाती है लेकिन यहां मरीजों के साथ परिजन भी डेरा जमाए रहते हैं। जिससे मरीजों में इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। आईसीयू में चूहों के साथ ही बैक्टेरियां भी पनप रहे हैं। आईसीयू में गंदगी के साथ ही वह स्टोर रूम जैसा बन गया है।

ये आईसीयू का प्रोटोकॉल
आईसीयू में प्रतिदिन पेस्ट कंट्रोल करना होता है, लेकिन यहां लंबे समय से पेस्ट कंट्रोल नहीं किया गया।
– आईसीयू जैसे संवेदनशील वार्ड मरीज के परिजनों का भी प्रवेश निषेध रहता है, लेकिन हर समय मरीज के परिजनों को आसानी से प्रवेश मिल जाता है।
– मरीज से मिलने के तय समय पर परिवार के एक सदस्य को कुछ समय के लिए मिलने को भेजा जाता है, लेकिन यहां समय की कोई पाबंदी नहीं है।
– चिकित्सक के साथ स्टाफ नर्स भी आईसीयू में एप्रिन, हेयर केप और मास्क के साथ प्रवेश करना होता है, यहां एप्रिन की व्यवस्था ही नहीं है।
– एसी पूरे समय चालू होना चाहिए और दो दरवाजे होना चाहिए, एक खुले तब दूसरा बंद रहना चाहिए, यहां ज्यादातर समय दरवाजा खुला रहता है। मरीज अपने पंखे लेकर अस्पताल में भर्ती है।
– आईसीयू में किसी का भी जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश वर्जित रहता है, स्टाफ को भी वार्ड की स्लीपर पहनना होती है।, ये व्यवस्था यहां लागू है।
– कलचर व बैकटेरिया सहित टेस्ट समय-समय पर माइक्रोबायलोजिकल तरीके से होना चाहिए, ये भी कभी-कभी होता है।
– माह में एक बार वार्ड को खाली करके उसकी अच्छी तरह से सफाई होना चाहिए।
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