रतलाम

गर्मी से बचना है तो घर से लाओ पंखे-कूलर

गर्मी से बचना है तो घर से लाओ पंखे-कूलर

रतलामApr 03, 2019 / 11:10 am

harinath dwivedi

गर्मी से बचना है तो घर से लाओ पंखे-कूलर

रतलाम। अप्रैल शुरू होते ही गर्मी के भीषण तेवर सामने आने से जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं मरीजों के हिसाब से छोटी पड़ऩे लगी है। वार्डों में लगे पलंगों के हिसाब से मरीजों की संख्या ज्यादा हो रही है तो इन वार्डों में लगे पंखे भी बेदम से हो गए हैं। ऐसे में अपने मरीजों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए परिजन घरों से पंखे और कूलर लाकर मरीजों को गर्मी से राहत पहुंचा रहे हैं। यह स्थिति जिला अस्पताल के एक या दो वार्डों में नहीं वरन हर वार्ड की है। जिस वार्ड में भी मरीजों की संख्या तय बेड से ज्यादा या दो गुनी है वहां तो यह आम बात हो गई है। पिछले सालों में भी गर्मी के दिनों में मरीजों के लिए परिजनों को अपने घरों से ही पंखे लाना पड़े थे। यही क्रम इस बार भी जिला अस्पताल के वार्डों में आम होते दिखाई दे रहे हैं।
30 के वार्ड में 50 मरीज
जिला अस्पताल के वार्डों में दो गुनी संख्या में मरीज इस समय भर्ती है। किसी वार्ड में 30 पलंगों पर मरीजों को रखने की सुविधा है तो वहां इस तय संख्या से ज्यादा पलंग तो रखे ही हैं। इसके बाद भी मरीजों के भर्ती होने पर उन्हें फर्श पर ही कंबल बिछाकर इलाज लेना पड़ रहा है। यही नहीं हॉल के अंदर जगह नहीं होने से बरामदों में भी मरीज लेटे हुए मिल जाएंगे। मेल और फीमेल मेडिकल वार्ड मेंं इस तरह के नजारे आम बात हो गई है।
पिछले एक सप्ताह में गर्मी ने अपने तेवर तीखे और तीखे कर दिए हैं। लगातार बढ़ रहे तापमान ने मरीजों की संख्या में भी इजाफा कर दिया है। बुखार, सर्दी और पानी की कमी से होने वाली बीमारियों के मरीजों की संख्या इन दिनों अस्पताल में सबसे ज्यादा पहुंच रही है। पिछले चार दिनों का आंकड़ा देखें तो जिला अस्पताल के अस्पताल, एमसीएच और बाल चिकित्सालय में छह हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं। सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर के अनुसार गर्मी के बढऩे से मरीज भी बढ़ रहे हैं। आमतौर पर एक हजार के आसपास मरीज हर दिन आना सामान्य बात है किंतु इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
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वैकल्पिक व्यवस्था जल्द ही करेंगे
यह सही है कि वार्डों में मरीजों की संख्या ज्यादा होने से पंखे अपर्याप्त है। मरीजों के परिजन घरों से पंखे ला रहे हैं। जल्द ही वार्डों में पंखों की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
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