प्राइवेट टैंकर चालकों में मचा हड़कंप
शहर में पानी को बेचने और टैंकर चलाने वाले एक दर्जन से ज्यादा कारोबारी है जो अपने घरों या खेतों में लगाए गए ट्यूबवेलों से धड़ल्ले से टैंकर भरकर बाजार में ढाई सौ से लगाकर साढ़े चार सौ रुपए प्रति टैंकर पानी बेच रहे हैं। शनिवार की देर रात पानी के अवैध कारोबारियों पर हुई छापामार कार्रवाई के बाद रविवार को टैंकर चालकों में हड़कंप मचा रहा। शहर में गिनेचुने ही टैंकर दिखाई दिए। दोपहर बाद तो ये टैंकर गायब हो गए जो शाम तक बाजार में नहीं दिखे और न ही किसी कॉलोनी में पानी सप्लाई करते दिखे। कुछ टैंकर चालकों ने बताया वे अपने कुओं से पानी लाकर बेच रहे हैं, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के बाद फिलहाल यह काम आज नहीं किया है।
दूसरी जगह भी हो रही कार्रवाई की तैयारी
जिला प्रशासन ने जिले में इस साल कम वर्षा के चलते जिला जल अभावग्रस्त घोषित कर रखा है। ऐसे में ट्यूबवेल खनन पर प्रतिबंध लगा रखा है। बहुत आवश्यक होने पर घरेलु उपयोग के लिए ट्यूबवेल की सशर्त अनुमति दी जा रही है। घरेलू और कृषि कार्य उपयोग के लिए ट्यूबवेल की अनुमति लेने वालों द्वारा किए जा रहे पानी के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने की तैयारी प्रशासन कर रहा है। पानी के अवैध कारोबारियों पर प्रशासन मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम १९८६ की विभिन्न धाराओं में कार्रवाई कर रहा है। पानी के ऐसे अवैध कारोबारियों को लेकर अंदर ही अंदर तैयारी चल रही है और इन पर एक साथ कार्रवाई हो सकती है।
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शहर में पानी को बेचने और टैंकर चलाने वाले एक दर्जन से ज्यादा कारोबारी है जो अपने घरों या खेतों में लगाए गए ट्यूबवेलों से धड़ल्ले से टैंकर भरकर बाजार में ढाई सौ से लगाकर साढ़े चार सौ रुपए प्रति टैंकर पानी बेच रहे हैं। शनिवार की देर रात पानी के अवैध कारोबारियों पर हुई छापामार कार्रवाई के बाद रविवार को टैंकर चालकों में हड़कंप मचा रहा। शहर में गिनेचुने ही टैंकर दिखाई दिए। दोपहर बाद तो ये टैंकर गायब हो गए जो शाम तक बाजार में नहीं दिखे और न ही किसी कॉलोनी में पानी सप्लाई करते दिखे। कुछ टैंकर चालकों ने बताया वे अपने कुओं से पानी लाकर बेच रहे हैं, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के बाद फिलहाल यह काम आज नहीं किया है।
दूसरी जगह भी हो रही कार्रवाई की तैयारी
जिला प्रशासन ने जिले में इस साल कम वर्षा के चलते जिला जल अभावग्रस्त घोषित कर रखा है। ऐसे में ट्यूबवेल खनन पर प्रतिबंध लगा रखा है। बहुत आवश्यक होने पर घरेलु उपयोग के लिए ट्यूबवेल की सशर्त अनुमति दी जा रही है। घरेलू और कृषि कार्य उपयोग के लिए ट्यूबवेल की अनुमति लेने वालों द्वारा किए जा रहे पानी के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने की तैयारी प्रशासन कर रहा है। पानी के अवैध कारोबारियों पर प्रशासन मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम १९८६ की विभिन्न धाराओं में कार्रवाई कर रहा है। पानी के ऐसे अवैध कारोबारियों को लेकर अंदर ही अंदर तैयारी चल रही है और इन पर एक साथ कार्रवाई हो सकती है।
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नोटिस देंगे ट्यूबवेल संचालकों को
जिस भाजपा नेता प्रहलाद पटेल के कुएं से इप्का को पानी देने का मामला बीती रात पकड़ा गया है उसे और इप्का दोनों को नोटिस देंगे। साथ ही दूसरे ट्यूबवेल और कुओं से पकड़ाए ट्रैक्टर और टैंकर चालकों पर भी कार्रवाई की जा रही है। ये लोग अवैध तरीके से पानी बेच रहे थे जो मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम १९८६ के अंतर्गत प्रतिबंधित है।
गोपाल सोनी, तहसीलदार, रतलाम शहर
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दो दिन में देना होगा जवाब
अभी हमने नोटिस तैयार करके जारी कर दिए हैं। रविवार का अवकाश होने से नोटिस तामिल नहीं हुए हैं। सोमवार को तामिल हो जाएंगे और उनसे दो दिन में जवाब मांगा गया है। जहां तक तीन-चार किमी पाइप लाइन का सवाल है तो वह पाइप लाइन किसकी है यह अभी पूरी तरह तय नहीं है कि नगर निगम की है या फिर संबंधित पार्षद की। यह जवाब के बाद ही पता चलेगा। साथ ही पार्षद और इप्का के बीच पानी को लेकर कोई अनुबंध विधिवत हुआ है तो उसके भी दस्तावेज मांगे गए हैं।
राहुल धोटे, एसडीएम रतलाम शहर
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नगर निगम की नहीं है पाइप लाइन
जेवीएल के पीछे मिले कुएं से बिछाई गई पाइप लाइन के बारे में जानकारी मिली है। यह पाइप लाइन नगर निगम की नहीं है यह 100 फीसदी सही है। निजी तौर पर पाइप लाइन बिछाई गई हो तो नहीं कह सकते हैं लेकिन यह नगर निगम की पाइप लाइन नहीं है।
सुरेश चंद्र व्यास, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम जल प्रदाय विभाग
जिस भाजपा नेता प्रहलाद पटेल के कुएं से इप्का को पानी देने का मामला बीती रात पकड़ा गया है उसे और इप्का दोनों को नोटिस देंगे। साथ ही दूसरे ट्यूबवेल और कुओं से पकड़ाए ट्रैक्टर और टैंकर चालकों पर भी कार्रवाई की जा रही है। ये लोग अवैध तरीके से पानी बेच रहे थे जो मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम १९८६ के अंतर्गत प्रतिबंधित है।
गोपाल सोनी, तहसीलदार, रतलाम शहर
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दो दिन में देना होगा जवाब
अभी हमने नोटिस तैयार करके जारी कर दिए हैं। रविवार का अवकाश होने से नोटिस तामिल नहीं हुए हैं। सोमवार को तामिल हो जाएंगे और उनसे दो दिन में जवाब मांगा गया है। जहां तक तीन-चार किमी पाइप लाइन का सवाल है तो वह पाइप लाइन किसकी है यह अभी पूरी तरह तय नहीं है कि नगर निगम की है या फिर संबंधित पार्षद की। यह जवाब के बाद ही पता चलेगा। साथ ही पार्षद और इप्का के बीच पानी को लेकर कोई अनुबंध विधिवत हुआ है तो उसके भी दस्तावेज मांगे गए हैं।
राहुल धोटे, एसडीएम रतलाम शहर
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नगर निगम की नहीं है पाइप लाइन
जेवीएल के पीछे मिले कुएं से बिछाई गई पाइप लाइन के बारे में जानकारी मिली है। यह पाइप लाइन नगर निगम की नहीं है यह 100 फीसदी सही है। निजी तौर पर पाइप लाइन बिछाई गई हो तो नहीं कह सकते हैं लेकिन यह नगर निगम की पाइप लाइन नहीं है।
सुरेश चंद्र व्यास, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम जल प्रदाय विभाग