रतलाम

नौवीं में हो गई फेल तो केरोसीन डालकर आत्महत्या कर ली

नौवीं में हो गई फेल तो केरोसीन डालकर आत्महत्या कर ली

रतलामJul 03, 2019 / 12:17 pm

kamal jadhav

Woman suicides

रतलाम। सैलाना थाने के सांसर गांव की १६ साल की किशोरी पिछले साल नौवीं में फेल हो गई तो उसे नौवीं में ही दोबारा प्रवेश नहीं मिला तो उसने केरोसीन डालकर आग लगा ली। दोपहर में उसके गांव में हुए इस घटनाक्रम के बाद उसे गंभीर अवस्था में पहले सैलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया और यहां से रतलाम रैफर कर दिया। शाम पौने छह बजे उसने दम तोड़ दिया। सैलाना के शासकीय कन्या उमावि की प्राचार्य कलावती सोलंकी का कहना है कि इस लड़की का नाम पहले से ही पूर्व की कक्षा नौवीं में दर्ज है तो दोबारा प्रवेश की बात ही नहीं है। सोलंकी का कहना है कि स्टॉफ और प्रभारी अंजलि वकील से जानकारी लेने पर उनका कहना था कि इस नाम की लड़की पिछले तीन-चार दिनों से स्कूल में प्रवेश के सिलसिले में आई ही नहीं।

पुलिस के अनुसार सांसर निवासी हुकली पिता कालू खराड़ी १६ साल नौवीं कक्षा में पढ़ती थी। पिछले महीनों में आए परिणामों के बाद वह फेल हो गई थी। ग्रामीणों और उसके मामा वड़लीखेड़ा के नानूराम का कहना है कि परीक्षा में फेल हो जाने के बाद वह लगातार तनाव में थी। नानूराम का कहना है कि मंगलवार को उसके पिता कालू खराड़ी उसे सैलाना के कन्या उमावि में प्रवेश दिलाने ले गए थे। वहां से उन्हें बताया गया कि फेल विद्यार्थी को दोबारा प्रवेश देने की बात कहकर उसे १०वीं प्राइवेट करने को कहा। उसे कहा गया कि प्राइवेट परीक्षा दिलवाकर आगे की पढ़ाई जारी रखवा सकते हैं। पिता बेटी को लेकर बस स्टैंड गए और उसे बस में बैठाकर कहा कि वह घर जाए और मैं बाजार से कुछ काम करके आता हूं। हुकली दोपहर में घर पहुंची और अकेली होने से केरोसीन डालकर आग लगा ली। आसपास के लोगों को पता चला तो आग बुझाकर उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। पिता भी अस्पताल पहुंचे। यहां गंभीर अवस्था होने से उसे रतलाम रैफर कर दिया गया। शाम पांच बजे जिला अस्पताल में भर्ती करके इलाज किया जा रहा था कि करीब पौने छह बजे उसने दम तोड़ दिया।
यह है प्रवेश के नियम
जिस किशोरी ने केरोसीन डालकर आत्महत्या की है वह कन्या हायर सेकंडरी सैलाना की छात्रा रही है और पिछले साल वह फेल हो गई है। इसी स्कूल में वह प्रवेश लेने अपने पिता के साथ गई थी किंतु उसे प्रवेश देने से मना करने की बात सामने आई है। नियम यह है कि जिस स्कूल में छात्र या छात्रा पढ़ रहे होते हैं वे एक साल फेल हो जाते हैं तो उन्हें दूसरे साल पढऩे के लिए प्रवेश दिया जा सकता है। फेल होने के बाद यदि दूसरे स्कूल में लेने जाते हैं तो दिक्कत आती है।
कन्या हासे में ही पढ़ती थी किशोरी
यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ और उसी स्कूल में पढ़ रही थी जहां प्रवेश लेने गई थी। स्कूल की प्राचार्य कलावती सोलंकी का कहना है कि जिस लड़की ने आत्महत्या की है वह फेल है और उसका नाम पहले से ही रजिस्टर में है तो दोबारा प्रवेश की बात ही नहीं है। हो सकता है उसने व उसके पिता ने १०वीं में प्रवेश की बात कही हो तो स्टॉफ ने मना किया हो। हुकली नामक लड़की के जैसी ही कुछ अन्य लड़कियां भी हैं जो नौवीं फेल है जो इस समय स्कूल में पढ़ रही है।

20 तारीख से अवकाश पर
मैं 20 जून से अवकाश पर चल रही हूं और इस बारे में प्रभारी और कक्षा अध्यापक से जानकारी ली है तो उनका कहना था कि पिछले तीन-चार दिनों से ऐसी कोई लड़की प्रवेश लेने आई ही नहीं। यह लड़की फेल है और इसका नाम कक्षा नौवीं में पहले से ही है। किसी भी छात्रा को फेल होने के बाद दूसरे साल भी पढऩा चाहे तो पढ़ाते हैं लेकिन तीसरे साल नहीं पढ़ाने का नियम है। हो सकता है कि अभिभावक व लड़की १०वीं में प्रवेश चाह रहे हो और मना किया हो। बुधवार को ही इस बारे में पूरी जानकारी दे सकती हूं।
कलावती चंदेल, संकुल प्राचार्य, शासकीय कन्या उमावि सैलाना
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