भारतीय रेलवे में वाणिज्य विभाग में काम करने वाले टिकट निरीक्षकों के लिए सेवा के नियम में बड़ा बदलाव हुआ है। इस बदलाव में मंडल में ५०० से अधिक कर्मचारियों पर असर होगा। नए नियम अनुसार अब ड्यूटी के दौरान अगर किसी यात्री की ट्रेन में तबीयत खराब होती है तो उसकी मदद करना अनिवार्य कर दिया गया है। ये न करने व यात्री की इस दशा में मौत के बाद शिकायत होती है तो टीटी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज भी किया जा सकता है।
अब तक थे ये नियम स्वास्थ्य खराब होने पर यात्री ट्वीट करता है तो उसको अगले स्टेशन पर नाममात्र का शुल्क देने पर रेलवे के चिकित्सक सेवा उपलब्ध कराते है। इसमें मरीज को दवा आदि जरुरत के अनुसार दी जाती है। इस दौरान अगर यात्री सोशल मीडिया पर नहीं है तो ट्रेन का टीटी या टीटीई रेलवे नियंत्रण कक्ष में सूचना देता था। इसके बाद यात्री को मदद मिलती थी। टीटी का सूचना देना अनिवार्य नहीं होता था व ये मानवीय आधार से जुड़ा हुआ था। अब इसको सेवाशर्त में अनिवार्य कर दिया गया है।
इन्होंने जारी किए आदेश पैसेंजर मार्केटिंग की निदेशक शैली श्रीवास्तव ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश में इस बात का उल्लेख किया गया है कि सेवा के दौरान या ड्यूटी के दौरान किसी यात्री का स्वास्थ्य खराब होता है तो टीटी को अनिवार्य रुप से रेलवे नियंत्रण कक्ष में इस बारे में सूचना देना होगी। इसके अलावा यात्री को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो, इस बात की जवाबदेही भी होगी। ये आदेश मंडल में पहुंच गए है।
विरोध के स्वर शुरू
एक टीटी टिकट की जांच करें, टारगेट पूरें करें, चोरी न हो ये भी ध्यान रखे, किसी बच्चे को दूध चाहिए तो वह भी मदद करें, कोई अधिक दाम न ले, अवैध वेंडर न आए, दरवाजे बंद रहे, स्टेशन पर यात्री का सामान अधिक हो तो उतारने में मदद करें, इन सब के साथ एक ओर बोझ लादा जा रहा है। इसका विरोध हमारा संगठन करेगा।
एक टीटी टिकट की जांच करें, टारगेट पूरें करें, चोरी न हो ये भी ध्यान रखे, किसी बच्चे को दूध चाहिए तो वह भी मदद करें, कोई अधिक दाम न ले, अवैध वेंडर न आए, दरवाजे बंद रहे, स्टेशन पर यात्री का सामान अधिक हो तो उतारने में मदद करें, इन सब के साथ एक ओर बोझ लादा जा रहा है। इसका विरोध हमारा संगठन करेगा।
– मनोहर पचौरी, पूर्व अध्यक्ष, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाईज यूनियन आदेश मानना ही होगा वरिष्ठ कार्यालय का आदेश है। इसको मानने के लिए सभी बाध्य होते है। सभी को इस बात को मानना होगा। वैसे भी किसी की मदद करना बेहतर बात होती है।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल