ये है प्रदर्शन की वजह असल में 24-25 सितंबर 2018 को संगठन ने राजस्थान के जोधपुर में 22वां सम्मेलन किया था। इसी सम्मेलन में आंदोलन करने व हड़ताल करते हुए रेल के चक्के जाम करने का निर्णय लिया था। इसमे 36 घंटे की भूख हड़ताल, 17 फरवरी 2019 को रेली व 18 फरवरी से हड़ताल करने की बात की गई। दिल्ली में 18 फरवरी को जब प्रदर्शन हुआ तो पुलवामा की घटना को देखते हुए रेल मंत्रालय ने हड़ताल के निर्णय को वापस लेने की बात कही। रेल मंत्रालय ने लिखित में भरोसा दिया कि किलोमीटर के भत्ते व नई पेंशन से जुडे़ मामले मंत्रालय के पास विचाराधीन है। इसलिए हड़ताल पर जाना ठीक नहीं होगा। इसके लिए 31 मार्च तक का समय मांगा गया।
अधिकार मांग रहे है हमारा संगठन अपने अधिकार की लड़ाई अब अंतिम चरण में ले आया है। ये स्वाभीमान की लड़ाई है। अगर हमारी मांग पर गंभीरता से सुनवाई नहीं हुई तो 16 जुलाई की रात 12 बजे से रेल के पहिएं जाम कर दिए जाएंगे।
– जितेंद्र वर्मा, मंडल सचिव, ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन
– जितेंद्र वर्मा, मंडल सचिव, ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन