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भावांतर भुगतान पंजीयन अब १२ फरवरी से होंगे

locationरतलामPublished: Feb 06, 2018 01:05:36 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

सोसायटी केंद्र के चक्कर लगा रहे किसान, प्रमुख सचिव ने ५ फरवरी को दिए निर्देश प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों पर होगे पंजीयन

patrika
रतलाम। कृषि उपज भावांतर योजना अन्तर्गत बैचने के लिए किसान कृषि उपज मंडी और सोसायटियों में पंजीयन के लिए भटक रहे हैं, लेकिन रबी सीजन के लिए उनका पंजीयन नहीं हो पा रहा है। भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत रबी फसलों के पंजीयन १ से २८ फरवरी तक होना थे, लेकिन पोर्टल शुरू नहीं होने से किसान कृषि उपज मंडी और सोसायटियों के चक्कर लगा रहे थे। ५ फरवरी को किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय से नए निर्देश जिला अधिकारियों के पास पहुंचे है कि अब रबी फसल चना, मसूर, सरसो एवं प्याज के नि:शुल्क पंजीयन १२ फरवरी से १२ मार्च २०१८ तक किए जाने के निर्देश प्राप्त हुए है।
सोमवार को भी कई किसान कृषि उपज मंडी स्थित धराड़ सोसायटी केंद्र पर सहित जिले की सोसायटियों पर पहुंचे। यहां भी उन्हे कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। मिली जानकारी के अनुसार रबी २०१७-१८ में भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत पंजीयन के संबंध में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि १२ फरवरी से १२ मार्च के मध्य चना, सरसो, मसूर एवं प्याज के नि:शुल्क पंजीयन गेहूं, धान का ई-उपार्जन-करने वाली समस्त प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में प्रारंभ किया जाए। प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजोरा के निर्देशानुसार राष्ट्रीय सूचना केंद्र एनआईसी द्वारा तैयार किए गए रबी २०१७-१८ के लिए भावांतर भुगतान के पोर्टल पर इन पंजीयन केंद्र पर नि:शुल्क पंजीयन की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
पोर्टल नहीं खुला अब तक

नगरा के कृषक महावीर पटवा ने बताया कि भांवातर योजना के अन्तर्गत कृषि उपज मंडी स्थित सोसायटी केंद्र पर पंजीयन कराने आए थे, लेकिन समर्थन मूल्य पर गेहूं का पंजीयन किया। चने के पंजीयन के लिए कहा कि अब तक पोर्टल शुरू नहीं हुआ है। इसलिए दो-तीन दिन बाद आना।
चने के पंजीयन नहीं हो रहे

सेजावता के कृषक मदनलाल प्रजापत ने बताया कि गेहूं और चने के लिए पंजीयन के लिए आए थे, लेकिन गेहूं का कर रहा पर चना का पंजीयन के लिए कह रहे हैं कि अब तक आदेश नहीं आए है। जबकि भावांतर में चने, सरसो, प्याज का १ फरवरी से पंजीयन होना था, जो नहीं हो रहा है।
डबल चक्कर लगाना पड़ेगा

नगरा के कृषक वरदीचंदजी ने कहा कि गेहूं और चना के पंजीयन कराने आए थे। गेहूं का पंजीयन कर दिया है, लेकिन चने का पंजीयन नहीं हो पाया है। कह रहे है कि अभी शुरू नहीं हुआ, ऐसे कई किसान आए और चले गए अब डबल से पंजीयन कराने के लिए फिर से आना पड़ेगा।

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