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शहर के मैदानों की हालत जर्जर, गांवों में तैयार हो रहे 4 नए स्टेडियम

locationरतलामPublished: Apr 16, 2018 05:18:41 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

शहर में नहीं मैदान लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चार स्टेडियम का काम अंतिम चरण में, काम पूरा होते ही आरईएस सौंपेगा खेल विभाग को

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रतलाम। शहर में भले ही खिलाडि़यों के लिए बेहतर खेल स्टेडियम और सुविधाएं नहीं है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडि़यों को जल्द ही ये सारी सुविधाएं मिलने जा रही है। खेल एवं युवक कल्याण विभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले चार स्टेडियम लगभग बनकर तैयार हो चुके है। थोड़ा बचा हुआ काम पूरा होने के बाद जल्द ही निर्माण एजेंसी उक्त स्टेडियम को खेल विभाग को सौंपेगी। विभाग को मैदान मिलते ही यहां पर खेल सामग्री और कोच की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
रतलाम शहर में आज भी खेल विभाग को स्टेडियम के लिए बेहतर स्थान नहीं मिल सका है। शहर के कई हिस्सों में भूमि देखकर उसका चयन किया गया, लेकिन कहीं जगह कम निकली तो कहीं कोई और परेशानी उभरकर सामने आई। एेसे में अब शहर के स्टेडियम के लिए खेल विभाग को सालाखेड़ी में जिला परिवहन विभाग के कार्यालय के पास जमीन मिलने की आस जागी है। हालही में कलेक्टर ने दौरा करने के साथ ही उक्त स्थान का चयन कर वहां पर स्टेडियम निर्माण के लिए मौखिक तौर पर स्वीकृति भी दी।

८०-८० लाख की लागत से बने
खेल एवं युवक कल्याण विभाग ने करीब दो साल पहले जिले के हर विकासखंड में अपना एक खेल मैदान स्वीकृत किया था। उसके बाद खेल विभाग ने चार स्थानों को चयन कर वहां पर जगह आवंटित कराई और आरईएस के माध्यम से स्टेडिमय का निर्माण कार्य शुरू कराया था। चारों खेल मैदान के लिए शासन ने ८०-८० लाख रुपए स्वीकृत किए थे। उक्त राशि आने के साथ निर्माण एजेंसी ने काम शुरू कर दिया था, जो कि अब पूरा होने को आया है।

कोच के साथ आएगी खेल सामग्री
जिले के रतलाम विकासखंड में दंतोडि़या, जावरा में ढोढर, बाजना और आलोट के जीवनगढ़ में स्टेडियम बनकर लगभग तैयार हो चुके है। खेल विभाग को स्टेडियम मिलते ही शासन से यहां पर खेल सामग्री भेजे जाने के साथ ही कोच की नियुक्ति भी होगी, जिसके बाद इन क्षेत्रों के खिलाडि़यों को बेहतर खेल सुविधा मिलने के साथ ही खेल गतिविधियां सिखाने के लिए एक कोच भी नियुक्त होगा, जो यहां आने वाले खिलाडि़यों को तैयार करने का काम करेंगे।

अंतिम चरण में काम
– खेल मैदान लगभग बनकर तैयार हो चुके है। आरईएस जब भी मैदान सौंपेगी उसके बाद विभाग से यहां के लिए खेल सामग्री आएगी, उसके बाद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बने इन चार मैदानों में भी बेहतर खिलाड़ी तैयार होने लगेंगे।
जितेंद्र धुलिया, खेल अधिकारी

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