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जैन धर्म का उत्सव: धर्म का फल पाना हो, तो छोडऩा पड़ेगा लोभ

locationरतलामPublished: Mar 27, 2019 05:53:34 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

जैन धर्म का उत्सव: धर्म का फल पाना हो, तो छोडऩा पड़ेगा लोभ

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जैन धर्म का उत्सव: धर्म का फल पाना हो, तो छोडऩा पड़ेगा लोभ

रतलाम। धर्म स्थान में भी व्यक्ति लोभ नहीं छोड़ पाता है। स्थानक में जब सामायिक करता है, तब भी मन प्रभावना के वितरण में रहता है। कभी सोचते हो कि साधु-संत को प्रभावना क्यों नही दी जाती, क्योंकि वे सदैव नियम और अनुशासन का पालन करते है। सामायिक में त्याग का भाव होना चाहिए। लोभ नही छोड़ोगे, तो सामायिक क्या किसी भी धर्म क्रिया का लाभ नहीं मिलेगा।
यह बात प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनि महाराज ने कही। नोलाईपुरा स्थित श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल स्थानक में मंगलवार सुबह धर्म सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने लोभ कषाय के परिणामों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संसारी जगत की कामना जब तक बनी रहती हैए तब तक लोभ नहीं छूटता है। यही कारण है कि धर्म स्थान में भी लोगो से लोभ नही छूटता। वे संसार की बातों में ही उलझे रहते है। सामायिक करते समय मन मे साधु-संतों के समान त्याग भाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोभ से मुक्त होने के लिए मन को सुदृढ़ बनाना आवश्यक है। इसके लिए अभ्यास करना होगा। मानव जीवन मे लोभ छोड़ेंगे, तभी धर्म मे मन लगेगा। धर्म की पात्रता के लिए भी लोभ कषाय छोडऩा आवश्यक है। प्रवर्तक श्री ने लोभ कषाय को जीतने की प्रेरणा देते हुए कहा कि मनुष्य को शरीर के लिए बल काए सौंदर्य का और वर्ण का लोभ होता है। इसके लिए कई प्रकार के जतन किए जाते हैए लेकिन लोग यह नहीं जानते कि किसी वस्तु से नहीं, अपितु ज्ञान, ध्यान और स्वाध्याय से शरीर को शक्ति मिलती है। इसलिए शरीर मे उपलब्ध शक्ति का सदुपयोग कर उसे ज्ञान, ध्यान और स्वाध्याय में लगाना चाहिए। शक्ति को धर्म कार्य मे नियोजित करना ही लोभ कषाय को जीतने का मार्ग है। इससे पूर्व अणु वत्सश्री संयतमुनि ने कहा कि मानव मन में कषायों का कचरा भरा पड़ा है। धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष पाना है, तो सबसे पहले इस कचरे को साफ करना पड़ेगा।

मुनिश्री ने किया खाचरौद की और विहार
धर्मसभा से पूर्व सुबह रवि मुनि एवं आदित्य मुनि ने खाचरौद तरफ विहार किया। उन्होंने बाजनखेड़ा पहुंचकर विश्राम किया। इस दौरान श्री धर्मदास जैन गण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतिलाल भंडारी, श्री धर्मदास जैन श्री संघ के अध्यक्ष अरविंद मेहता, महामंत्री सुशील गादिया, सचिव दिलीप चाणोदिया, कोषाध्यक्ष माणकलाल कटकानी, प्रचार सचिव ललित कोठारी, अणु मित्र मंडल के अध्यक्ष विनय लोढ़ा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। संचालन श्री अणु मित्र मंडल के सुहास गांधी ने किया। प्रभावना वितरण का लाभ जसबाई वर्धमान मूणत परिवार ने लिया।

आज मनेगी प्रवर्तकश्री की 61 वीं जयंती

श्री धर्मदास जैन श्री संघ के तत्वावधान में 27 मार्च को प्रवर्तक जिनेंद्रमुनि की 61 वीं जन्म जयंती जप-तप के साथ मनाई जाएगी। इस अवसर पर सुबह 8 से 9 बजे जाप और जिनेन्द्र चालीसा का पाठ किया जाएगा। 28 मार्च को सामूहिक एकासना होंगे। इसी प्रकार 31 मार्च को आचार्य प्रवर उमेशमुनि का वार्षिक पुण्य स्मृति दिवस मनाया जाएगा। श्री संघ ने इस मौके पर 30 एव 31 मार्च को समाजजनों से अधिक से अधिक बेले (दो उपवास) करने का आव्हान किया है।

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