script50 हजार किमी चलकर आ रहे जैन संत महाश्रमण तीन दिन शहर में | Jain saint Mahashraman coming after walking 50 thousand km in the CITY | Patrika News

50 हजार किमी चलकर आ रहे जैन संत महाश्रमण तीन दिन शहर में

locationरतलामPublished: Jun 06, 2021 07:17:11 pm

Submitted by:

Ashish Pathak

देश में अहिंसा का संदेश 2014 से देने वाले प्रवर्तक जैनाचार्य महाश्रमण का तीन दिवसीय प्रवास धर्मधरा शहर में आगामी 22 से 24 जून को रहेगा।

50 हजार किमी चलकर आ रहे जैन संत महाश्रमण तीन दिन शहर में

50 हजार किमी चलकर आ रहे जैन संत महाश्रमण तीन दिन शहर में

रतलाम. देश में अहिंसा का संदेश 2014 से देने वाले प्रवर्तक जैनाचार्य महाश्रमण का तीन दिवसीय प्रवास धर्मधरा शहर में आगामी 22 से 24 जून को रहेगा। 50 हजार किलोमीटर के गन्तव्य को पैदल विहार से पूरा कर रही यह यात्रा 21 जून को धराड़ पहुंचेगी।
तेरापंथ धर्मसभा के स्थानीय अध्यक्ष अशोक दख ने बताया कि आचार्य प्रवर का इस दौरान सैलाना रोड स्थित अमृत गार्डन पर प्रवास रहेगा। दख ने बताया कि श्रमण भगवान महावीर के प्रमुख सिध्दांत अहिंसा के मूल भावों को जन – जन तक पहुंचाने के लिए प्रारम्भ यह यात्रा अनवरत जारी है। वर्ष 2014 में दिल्ली से प्रारम्भ इस यात्रा ने काठमांडू (नेपाल) से लगाकर कन्याकुमारी सहित देश के दूरस्थ अंचलों में अहिंसा का अलख जगाया है। महाराष्ट्र के रास्ते मध्यप्रदेश पहुंची यात्रा वर्तमान में धार झाबुआ अंचल में गतिमान है।
Singrauli NTPC: Mahavir Swami jayanti in Jain Temple Vindhyachal
IMAGE CREDIT: Patrika
समृद्ध ऋषि परंपरा और पैदल विहार
दख ने बताया की आज संसाधनों से भरपूर इस युग में जहां आवागमन के इतने साधन एवं व्यवस्थाएं हैं। बावजूद इसके आचार्य महाश्रमण भारतीय ऋषि परंपरा को जीवित रखते हुए जनोपकार के लिए निरंतर पदयात्रा कर रहे हैं। भारत के 23 राज्यों और नेपाल व भूटान में सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति की अलख जगाने वाले आचार्य महाश्रमण की प्रेरणा से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में लोग नशामुक्ति की प्रतिज्ञा स्वीकार कर चुके हैं।
लाल किले से हुई शुरुआत
दिल्ली के लाल किले से वर्ष 2014 में अहिंसा यात्रा की शुरुआत करने वाले आचार्य महाश्रमण, राष्ट्रपति भवन से लेकर गांवों की झोंपड़ी तक शांति का संदेश देने का कार्य कर रहे हैं। यात्रा के दौरान राजनेता हो या अभिनेता, न्यायाधीश हो या उद्योगपति, सेना के जवान हो या पुलिसकर्मी, विशिष्ट जनों से लेकर सामान्य जन तक संपर्क में आने वाले हर वर्ग के लोग प्रेरित होकर अहिंसा यात्रा के संकल्पों को जीवन में उतारने के लिए प्रतिबद्ध हो रहे हैं।
Singrauli NTPC: Mahavir Swami jayanti in Jain Temple Vindhyachal
IMAGE CREDIT: Patrika
प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर का सफर
दख ने बताया की जैन साधु की कठोर दिनचर्या का पालन और सुबह चार बजे उठकर घंटों तक जप-ध्यान की साधना में लीन रहने वाले आचार्य महाश्रमण प्रतिदिन प्रवचन के माध्यम से भी जनता को संबोधित करते हैं। इसके साथ-साथ उनके सान्निध्य में सर्वधर्म सम्मेलनों, प्रबुद्ध वर्ग सहित विभिन्न वर्गों की संगोष्ठियों आदि का आयोजन होता है। वर्तमान कोरोना काल की पालनाओं के कारण इन सभी गतिविधियों पर विराम है। लेकिन पदयात्रा में आचार्य महाश्रमण के साहित्य सृजन का क्रम निरन्तर जारी है। उनके नेतृत्व में 750 से अधिक साधु-साध्वियां और हजारों कार्यकर्ता देश-विदेश में समाजोत्थान के महत्वपूर्ण कार्य में संलग्न हैं।
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