रतलाम

नाम जैन हेल्पलाइन, सर्वहारा वर्ग को जोड़ा

कोराना वायरस के लॉकडाउन में बांट दिए 1.21 लाख भोजन पैकेट

रतलामJun 22, 2020 / 05:17 pm

Yggyadutt Parale

नाम जैन हेल्पलाइन, सर्वहारा वर्ग को जोड़ा

रतलाम। जब शहर में कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन लगा तो सबसे पहले जैन हेल्पलाइन की शुरुआत हुई। नाम से भले जैन हेल्पलाइन था, लेकिन इसने लॉकडाउन के करीब 60 से अधिक दिन के बंद के दौरान जो कार्य किया, वो हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। हेल्पलाइन ने दो स्थान पर भोजन निर्माणशाला चलाकर प्रतिदिन सुबह व शाम को शहर के 100 से अधिक मोहल्लों में पहुंचकर 1.21 लाख पैकेट का वितरण दोनों समय में मिलाकर किया।
22 मार्च को जनता कफ्र्यू की शुरुआत होने के बाद से जैन हेल्पलाइन की शुरुआत हो गई। पहले मोहन टाकिज क्षेत्र में यहां पर भोजन निर्माण कार्य शुरू किया गया। इसके बाद जब मांग बढ़ी, विभिन्न राज्यों से बाहर से श्रमिकों का आना शुरू हुआ तो काम व अनाज के अभाव में भोजन के पैकेट की मांग में बढ़ोतरी हुई। इसके बाद सुमंगल गार्डन में भी भोजनशाला याने की जैन हेल्पलाइन की अतिरिक्त शाला की शुरुआत हुई। इसमे कई सामाजिक संगठनों ने आगे आकर मदद की।
यह लाभ हुआ इससे

– शहर की 100 से अधिक कमजोर बस्तियों में जैन हेल्पलाइन पहुंची।
– इससे लाभ यह हुआ कि समाज के कमजोर वर्ग में भोजन को लेकर कोई अंसतोष नहीं हुआ।
– लॉकडाउन में काम के अभाव में रोटी का संकट पैदा शहर में नहीं हुआ।
– कोरोना के वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता मिली।

कई संगठनों का योगदान

जब कोरोना काल शुरू हुआ तो यह विचार आया कि समाज के कमजोर वर्ग के भोजन प्रबंध की जिम्मेदारी समाज की बनती है। इसको देखते हुए जैन हेल्पलाइन की शुरुआत की गई। इसमे कई संगठनों का योगदान रहा। अनेक युवाओं ने स्वेव्छा से आकर भोजन पैकेट निर्माण से लेकर वितरण कार्य में मदद की।
– महेंद्र गादिया, समाजसेवी
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