कड़पा और दिनेश की तलाश में पुलिस ने इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के बाद से कई स्थानों पर दबिशें दी लेकिन इनका कहीं पर पता नहीं चला। हालाकि पुलिस दावा कर रही है कि वह कड़पा को जल्द ही पकड़ लेगी। उसके सभी संभावित ठिकानों पर पुलिस की नजर है, लेकिन एक जगह एेसी भी है जिसके बारे में पुलिस को भी शायद ही पता हो, वो जगह है पाकिस्तान। युसुफ चाहे तो छिपने के लिए वह देश छोड़कर पाकिस्तान भी जा सकता है, जहां से पुलिस को उसे पकड़कर लाना काफी मुश्किल साबित होगा। दरअसल युसुफ का परिवार पाकिस्तान में भी रहता है। उसकी पत्नी वहीं की रहने वाली है, एेसे में यदि वह भागना चाहे तो देश छोड़कर भी जा सकता है और मामला ठंडा होने पर वापस आ सकता है।
नहीं बता रही आरती
वहीं दूसरी और पुलिस द्वारा शुक्रवार को आरती को पकडऩे के बाद शनिवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन का पुलिस रिमांड मिला है। रिमांड मिलने के पूर्व पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तब से लेकर न्यायालय में पेश किए जाने तक पुलिस उससे कुछ ज्यादा नहीं उगलवा सकी है। वहीं बस यहीं बात कह रही है कि दिनेश और वह अच्छे दोस्त है और उसके कहने पर उसी के साथ कार में वह यहां आई थी और उक्त युवती से संपर्क कर उसका वीडियो बनवाया था।
वहीं दूसरी और पुलिस द्वारा शुक्रवार को आरती को पकडऩे के बाद शनिवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन का पुलिस रिमांड मिला है। रिमांड मिलने के पूर्व पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तब से लेकर न्यायालय में पेश किए जाने तक पुलिस उससे कुछ ज्यादा नहीं उगलवा सकी है। वहीं बस यहीं बात कह रही है कि दिनेश और वह अच्छे दोस्त है और उसके कहने पर उसी के साथ कार में वह यहां आई थी और उक्त युवती से संपर्क कर उसका वीडियो बनवाया था।
फोन पर नहीं बनी बात
आरती की माने तो दिनेश और युसुफ ने ये प्लानिंग की थी और इस काम के लिए मुझे कहा था। कई बार फोन पर युवती को समझाया था लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी, उसे रुपयों का लालच भी दिया था, लेकिन बात नहीं बनी तो फिर दिनेश के साथ कार में रतलाम आकर उससे संपर्क किया और उसे जैसे-तैसे तैयार कर उसका वीडियो बनाया था। बाद में उस वीडियो को वायरल किया गया था। आरती की माने तो वह इससे ज्यादा कुछ नहीं जानती है लेकिन पुलिस का मानना है कि उसे कई और राज पता है।
आरती की माने तो दिनेश और युसुफ ने ये प्लानिंग की थी और इस काम के लिए मुझे कहा था। कई बार फोन पर युवती को समझाया था लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी, उसे रुपयों का लालच भी दिया था, लेकिन बात नहीं बनी तो फिर दिनेश के साथ कार में रतलाम आकर उससे संपर्क किया और उसे जैसे-तैसे तैयार कर उसका वीडियो बनाया था। बाद में उस वीडियो को वायरल किया गया था। आरती की माने तो वह इससे ज्यादा कुछ नहीं जानती है लेकिन पुलिस का मानना है कि उसे कई और राज पता है।
२२८ के बयान पूरे
वहीं दूसरी और जावरा के बालिका गृह में यौन शोषण के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक २२८ बालिका और युवतियों के बयान दर्ज किए है। इन बयानों में अब तक एक ने भी ये बात नहीं कहीं है कि उनके साथ वहां कभी कोई गलत काम हुआ है। हालाकि पुलिस भी ये मान रही है कि हो सकता है कि ये बालिकाएं और युवतियां अपना बसा बसाया घर फिर से न टूट जाए इस कारण से इस तरह के बयान दे रही है लेकिन वे जो बोल रही है, पुलिस उसी बात को लिख और रिकॉर्ड कर रही है।
वहीं दूसरी और जावरा के बालिका गृह में यौन शोषण के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक २२८ बालिका और युवतियों के बयान दर्ज किए है। इन बयानों में अब तक एक ने भी ये बात नहीं कहीं है कि उनके साथ वहां कभी कोई गलत काम हुआ है। हालाकि पुलिस भी ये मान रही है कि हो सकता है कि ये बालिकाएं और युवतियां अपना बसा बसाया घर फिर से न टूट जाए इस कारण से इस तरह के बयान दे रही है लेकिन वे जो बोल रही है, पुलिस उसी बात को लिख और रिकॉर्ड कर रही है।
दो टीमें और बढ़ाई
पुलिस ने मामले की जांच के लिए पूर्व में एसआईटी में दस अधिकारियों का दल गठित किया था। दल में दो-दो सदस्यों की पांच टीमें बनाई गई थी, लेकिन जांच में हो रही देरी के चलते एसपी गौरव तिवारी ने अब जांच दल में अधिकारियों की संख्या बढ़ाए जाने के साथ ही दो और टीम बनाकर उन्हे भी इसकी जांच में लगाया है। वहीं शनिवार रात को यहां से टीमें अब उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के लिए रवाना होगी। ये टीम जिस शहर में जा रही है, वहां की स्थानीय पुलिस से संपर्क कर वहां की महिला अधिकारी को साथ लेकर बयान लेने जा रही है।
पुलिस ने मामले की जांच के लिए पूर्व में एसआईटी में दस अधिकारियों का दल गठित किया था। दल में दो-दो सदस्यों की पांच टीमें बनाई गई थी, लेकिन जांच में हो रही देरी के चलते एसपी गौरव तिवारी ने अब जांच दल में अधिकारियों की संख्या बढ़ाए जाने के साथ ही दो और टीम बनाकर उन्हे भी इसकी जांच में लगाया है। वहीं शनिवार रात को यहां से टीमें अब उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के लिए रवाना होगी। ये टीम जिस शहर में जा रही है, वहां की स्थानीय पुलिस से संपर्क कर वहां की महिला अधिकारी को साथ लेकर बयान लेने जा रही है।
कुछ नहीं मिला डीवीआर में
पुलिस द्वारा बालिका गृह के सीसीटीवी में कैद रिकॉर्डिंग को जांच के लिए डीवीआर को जब्त कर जांच के लिए सायबर की भोपाल एफएसएल में जांच के लिए भेजा गया था, जहां से उसकी जांच होने के बाद रिपोर्ट पुलिस को मिल चुकी है, लेकिन उस रिपोर्ट में एेसा कुछ नहीं मिला जो कि पुलिस के काम आ सके। दरअसल बीते चार से पांच माह से कैमरे बंद होने की बात सामने आई है। बालिका गृह के सिर्फ कीचन का ही कैमरा एेसा था जो कि चालू था लेकिन उसमें पुलिस के काम का कुछ नहीं मिल सका है।
पुलिस द्वारा बालिका गृह के सीसीटीवी में कैद रिकॉर्डिंग को जांच के लिए डीवीआर को जब्त कर जांच के लिए सायबर की भोपाल एफएसएल में जांच के लिए भेजा गया था, जहां से उसकी जांच होने के बाद रिपोर्ट पुलिस को मिल चुकी है, लेकिन उस रिपोर्ट में एेसा कुछ नहीं मिला जो कि पुलिस के काम आ सके। दरअसल बीते चार से पांच माह से कैमरे बंद होने की बात सामने आई है। बालिका गृह के सिर्फ कीचन का ही कैमरा एेसा था जो कि चालू था लेकिन उसमें पुलिस के काम का कुछ नहीं मिल सका है।
३०० जीबी डाटा की जांच
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे में कैद करीब ३०० जीबी डाटा की जांच की मांग की थी, लेकिन कैमरों के बंद होने से उसमें पंद्रह दिन से अधिक का कुछ नहीं मिला। वहीं वीडियो कांड के मामले में पुलिस अब इस मामले में दो और लोगों को आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है। पुलिस ने उक्त दोनों व्यक्तियों से जुड़े साक्ष्य भी एकत्र करना शुरू कर दिए है, जिनके आधार पर उनकी भूमिका तय कर उन्हे भी इस मामले में आरोपी बनाया जाना तय किया गया है। इसके अतिरिक्त जांच के बाद कुछ और लोग भी इसमें आरोपी बनाए जा सकते है।
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे में कैद करीब ३०० जीबी डाटा की जांच की मांग की थी, लेकिन कैमरों के बंद होने से उसमें पंद्रह दिन से अधिक का कुछ नहीं मिला। वहीं वीडियो कांड के मामले में पुलिस अब इस मामले में दो और लोगों को आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है। पुलिस ने उक्त दोनों व्यक्तियों से जुड़े साक्ष्य भी एकत्र करना शुरू कर दिए है, जिनके आधार पर उनकी भूमिका तय कर उन्हे भी इस मामले में आरोपी बनाया जाना तय किया गया है। इसके अतिरिक्त जांच के बाद कुछ और लोग भी इसमें आरोपी बनाए जा सकते है।
हर बालिका और युवती से एक प्रश्न
पुलिस की माने तो हर बालिका और युवती से वह सिर्फ चुनिंदा प्रश्न ही कर रही है। पुलिस ने एक फिक्स फॉरमेट में प्रश्न तैयार किए है और उसकी कॉपी सभी जांच अधिकारियों को दी है। हर लड़की व युवती के बयान उन्हीं प्रश्नों के आधार पर हो रहे है, जिसका पुलिस वीडियो भी बना रही है। इन आठ से दस प्रश्नों में पुलिस को जो भी जानकारी चाहिए वो पूरी तरह से समाहित होना बताई जा रही है।
पुलिस की माने तो हर बालिका और युवती से वह सिर्फ चुनिंदा प्रश्न ही कर रही है। पुलिस ने एक फिक्स फॉरमेट में प्रश्न तैयार किए है और उसकी कॉपी सभी जांच अधिकारियों को दी है। हर लड़की व युवती के बयान उन्हीं प्रश्नों के आधार पर हो रहे है, जिसका पुलिस वीडियो भी बना रही है। इन आठ से दस प्रश्नों में पुलिस को जो भी जानकारी चाहिए वो पूरी तरह से समाहित होना बताई जा रही है।