scriptसैलाना के शिकारवाड़ी और आंबा में नहीं आए खरमौर | kharmor bird | Patrika News

सैलाना के शिकारवाड़ी और आंबा में नहीं आए खरमौर

locationरतलामPublished: Oct 11, 2019 05:32:47 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

सैलाना के शिकारवाड़ी और आंबा में नहीं आए खरमौर

सैलाना के शिकारवाड़ी और आंबा में नहीं आए खरमौर

सैलाना के शिकारवाड़ी और आंबा में नहीं आए खरमौर

रतलाम। मप्र के रतलाम जिले के सैलाना स्थित शिकारवाड़ी और आंबा के खरमौर अभयारण्य में इस बार वन विभाग के अमले की आंखे तरस गई लेकिन खरमौर नहीं आए। बीते दस वर्ष के दौरान यह पहला मौका है, जब बारिश बीत जाने का समय नजदीक आने तक एक भी खरमौर अभ्यारण्य में नहीं पहुंचा। एेसे में वन विभाग का अमला भी अब इस सोच में डूबा हुआ है कि आखिर एेसा क्या हुआ जो इस बार एक भी पक्षी यहां पर नहीं आया।

अभ्यारण में दुर्लभ प्रजातिक के खरमौर को देखने को यहां वन विभाग ने अपने चौकीदार की नियुक्ति भी कर रखी है। इसके साथ ही विभाग का अमला भी अभ्यारण में होने वाली हर हरकत पर नजर रखता है लेकिन इस वर्ष जिले और क्षेत्र में बेहतर बारिश होने के बाद एक भी पक्षी का नहीं आना चिंता का विषय है। सामान्य तौर पर बारिश के शुरुआत के महीने में जुलाई-अगस्त माह तक एक दर्जन खरमौर क्षेत्र में देखे जा चुके है लेकिन इस वर्ष अब तक उक्त पक्षी की किसी प्रकार की हलचल का आभास भी नहीं हुआ है।

तीन वर्ष से कम हुई संख्या
शिकारवाड़ी और आंबा के खरमौर अभयारण्य में बीते तीन वर्ष से खरमौर के आने की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। इसके पीछे एक कारण यहां का वातावरण अब इनके अनुकूल कम होना बताया जा रहा है। इनके कम आने के कारण ही क्षेत्र में खनन को वन विभाग ने पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। बीते कुछ वर्षों में क्षेत्र में अवैध खनन के बढऩे से जलवायु परिवर्तन होना और पवन चक्कियों का बढ़ी मात्रा में लगना भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है।

पिछली बार भी देरी से आए थे

शिकारवाड़ी और आंबा स्थित खरमौर अभयारण्य में पिछली बार भी खरमौर अगस्त माह के आखिर समय में आए थे। इस बार भी अगस्त के बाद सितंबर बीत गया और अक्टूबर माह भी आधा बीतने को आया है और अब तक एक भी पक्षी यहां नजर नहीं आया है। साल दर साल लगातार पक्षियों के आने की संख्या घटते हुए स्थिति अब ये आ पहुंची है कि इस बार एक भी खरमौर यहां नहीं आया है। खरमौर को लेकर उसे देखकर उसकी सूचना देने वाले के लिए सरकार ने ईनाम देने की घोषणा भी कर रखी है।

नहीं आए मेहमान

– सैलाना के शिकारवाड़ी व आंबा स्थित खरमौर अभयारण्य में अब तक खरमौर नहीं देखे गए है। उनके नहीं आने के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। बीते दस वर्ष में यह पहला मौका है, जब एक भी पक्षी यहां नहीं आया।
रतन सिंगाड़, डिप्टी रेंजर, सैलाना

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो