किसानों की माने तो वह पशुपालक होकर दुग्ध उत्पादन करते है। वर्षों से शहर में दूध वितरण का काम वहीं करते आ रहे है। इसी से उनके परिवार का भरण-पोषण होने के साथ पशुओं का खर्च निकलता है। वर्तमान में डेयरी वाले व दुकानदार पैसा बचाने के लिए आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। कम दाम में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए उनके द्वारा पावडर वाला व पावर का दूध लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उनके द्वारा एेसा किए जाने से दुग्ध उत्पादक किसानों का दूध अब बचने लगा है। उनका दूध नहीं बिकने से उनके सामने भरण पोषण का संकट पैदा हो गया है।
दूध से बने उत्पाद भी मिलावटी
दुग्ध उत्पादक किसानों की माने तो रतलाम शहर की डेयरी वालों के दूध व उससे बने उत्पाद की जांच की जाए तो दूध १०० प्रतिशत मिलावटी सिद्ध हो जाएगा। इतना ही नहीं इससे बने उत्पाद की भी जांच करने पर वह भी मिलावटी पाए जाएंगे। डेयरी वालों पर कोई यह शक नहीं करे की वह मिलावटी दूध बेच रहे है, इसके लिए उनके द्वारा दिखावे के लिए कुछ मात्रा में दुग्ध उत्पादक किसानों से दूध लिया जाता है, जिससे कि उनकी चोरी पकड़ी न जाए। शेष दूध वह मिलावट कर बेचते है।
दुग्ध उत्पादक किसानों की माने तो रतलाम शहर की डेयरी वालों के दूध व उससे बने उत्पाद की जांच की जाए तो दूध १०० प्रतिशत मिलावटी सिद्ध हो जाएगा। इतना ही नहीं इससे बने उत्पाद की भी जांच करने पर वह भी मिलावटी पाए जाएंगे। डेयरी वालों पर कोई यह शक नहीं करे की वह मिलावटी दूध बेच रहे है, इसके लिए उनके द्वारा दिखावे के लिए कुछ मात्रा में दुग्ध उत्पादक किसानों से दूध लिया जाता है, जिससे कि उनकी चोरी पकड़ी न जाए। शेष दूध वह मिलावट कर बेचते है।
इन गांवों से आए थे किसान
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने पहुंचे किसानों में मुंदड़ी, ढि़कवा, कलौरीखुर्द, बेरछा, सरवनी, कुआझागर, धतुरिया, उंडवा, उनी, कलमोड़ा, करमदी, तितरी, मथुरी, मांगरोल, रूपाखेड़ा, आलनिया, बिलपांक, छत्री, पिपलखूंटा, बडेगांव, पंचेड़ गांव के किसान शामिल थे।
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने पहुंचे किसानों में मुंदड़ी, ढि़कवा, कलौरीखुर्द, बेरछा, सरवनी, कुआझागर, धतुरिया, उंडवा, उनी, कलमोड़ा, करमदी, तितरी, मथुरी, मांगरोल, रूपाखेड़ा, आलनिया, बिलपांक, छत्री, पिपलखूंटा, बडेगांव, पंचेड़ गांव के किसान शामिल थे।
इनका कहना है
दिए जांच के निर्देश
– शिकायत मिलने पर मामले की जांच के निर्देश ग्रामीण एसडीएम को दिए गए है। वह मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
कामिनी ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर
दिए जांच के निर्देश
– शिकायत मिलने पर मामले की जांच के निर्देश ग्रामीण एसडीएम को दिए गए है। वह मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
कामिनी ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर