उपसंचालक कृषि ज्ञानसिंह मोहनिया ने बताया कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया किसी प्रकार के नकली खाद, बीज, दवाई का वितरण नहीं होने पाए। ऐसी दशा में वे जिम्मेदार रहेंगे, नमूना लेने के लिए पी फॉर्म अनिवार्य किया गया है। नमूने के साथ पी फार्म अलग से प्लास्टिक थैली में रखकर नमूने के साथ रखा जाए। नमूना सील बंद करके उस पर कंपनी के प्रतिनिधि या विक्रेता के हस्ताक्षर किए जाएं नियमानुसार उनके समक्ष सील किया जाए। उर्वरक का नाम सही से अंकित किया जाए जिससे बाद में उनको आपत्ति लिए जाने का मौका नहीं मिल सके। नमूना जिले में उपलब्ध सभी उर्वरक कंपनियों के स्कंध से लिए जाएंगे।
रबी सीजन अनुभाग स्तरीय उडऩदस्ता दलों का गठन
जिले में गुण नियंत्रण की दृष्टि से रबी वर्ष 2019-20 में विशेष सघन अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को मिलने वाले आदानों की गुणवत्ता में सुधार बाजार में अमानक स्तर के आदान की बिक्री पर रोक तथा किसानों को सही कीमत पर सामग्री मिल सके इसके लिए जिले में अनुभाग स्तरीय उडऩदस्ता दल का गठन किया गया है। उपसंचालक कृषि ने बताया कि अनुभाग जावरा में गठित उडऩदस्ता दल के प्रभारी अधिकारी कृषि के अनुविभागीय अधिकारी एनके छारी रहेंगे।
ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन आरंभ
खरीफ सीजन 2019 के तहत ई उपार्जन पोर्टल पर 3 अक्टूबर से सोयाबीन, मूंग, उड़द, अरहर, कपास के पंजीयन शुरू हो गए हैं। पंजीयन 23 अक्टूबर तक हो सकेगा। शासन के निर्देशानुसार किसान पंजीयन के लिए गत वर्षों के समान निर्धारित पंजीयन किया जाएगा। उपसंचालक कृषि ने बताया कि इस बार दर्शकों को सशक्त करने संस्थाओं डाटा एंट्री ऑपरेटर पर निर्भरता तथा पंजीयन केंद्रों के दबाव को कम करने के लिए भू.स्वामित्वो को एमपी किसान ऐप, ई उपार्जन मोबाइल ऐप, पब्लिक डोमेन ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। फसलों की खरीफ सीजन 2019 में औसत मंडी दरें यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आएंगी तो राज्य शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन नियर भावंतर या प्रशन राशि के संबंध में विधिवत से निर्णय लिया जाकर निर्देश जारी किए जाएंगे।
उपज के आधार पर बीमा दावा राशि निर्धारित की जाएगी
जिले में फसल कटाई कार्य आरंभ हो गया है, राजस्व कृषि तथा बीमा कंपनी के संयुक्त दल द्वारा फसल कटाई प्रयोग भी संपन्न किए जा रहे हैं। जिले में सतत वर्षा भी हो रही है इससे कटी हुई तथा खड़ी फसल को नुकसान हो रहा है। इस स्थिति में फसल कटाई प्रयोगों की उपज के आधार पर संबंधित हलके के सभी बीमित ऋणी तथा अरणी कृषकों का बीमा दावा राशि निर्धारण किया जाएगा।