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संसार में इन जीवों को मारने वाले लोग हमेशा रहते हैं दुखी, नहीं मिलता भाग्य का साथ

locationरतलामPublished: Sep 24, 2018 03:55:02 pm

Submitted by:

Ashish Pathak

संसार में इन जीवों को मारने वाले लोग हमेशा रहते हैं दुखी, नहीं मिलता भाग्य का साथ

ratlam

रतलाम

रतलाम। संसार में जो जीव की हत्या करता है, उस पर हत्या का पाप लगता है। जीव की हत्या महापाप माना गया है। जो लोग जीव की हत्या करते है, वो अगले जन्म में दुखी रहते है। इतना ही नहीं, उनको भाग्य का साथ नहीं मिलता है। ये बात रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने कही। वे जीव की हत्या से भाग्य का साथ नहीं होने के विषय पर बोल रहे थे।
ज्योतिषी रावल ने बताया कि जीव का भगवान से गहरा संबंध है। जैसे चूहे को मारने से विद्या, बुद्धि व ज्ञान की कमी होती है। क्योंकि चूहा भगवान गणेश या गणपति का वाहन है। एेसे में जो व्यक्ति चूहे की हत्या करता है, उसको अगले जन्म में विद्या, बुद्धि व ज्ञान की कमी रहती है। इसके अलावा एेसे व्यक्ति की संतान भी हमेशा परेशान रहती है।
मोर का नहीं करे शिकार

देवताओं के सेनापति रहे कार्तिकेय भगवान का वाहन मोर है। मोर को राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया हुआ है। मोर का शिकार करने वालों से भगवान कार्तिकेय नाराज होते है। कार्तिकेय भगवान को शक्ति, खूुन या रक्त का स्वामी माना जाता है। एेसे में वे लोग, जो मोर का शिकार करते है, एेसे लोग को खून की कमी, रक्त से जुड़ी बीमारी, हिमोग्लोबिन का कम होना आदि समस्या होती है।
गाय की हत्या से होता है ये

गाय के अंदर 33 कोटी देवताओं का वास माना गया है। जो व्यक्ति श्राद्ध के समय गाय की सेवा करता है, अन्न का दान गाय के लिए करता है, उस व्यक्ति से 33 कोटी देवता प्रसन्न होते है व संसार में हर प्रकार के कार्य की सफलता एेसे व्यक्ति को मिलती है। गाय की हत्या करने वाले या मारने वाले व्यक्ति को चारों दिशा में असफलता मिलती है। इसलिए गाय की हमेशा सेवा करना चाहिए।
सांप मारने से होते पितृ नाराज

जब भी कही सांप निकलता है, अज्ञानता में लोग उसको मारते है। सर्प या सांप की हत्या से पितृ नाराज होते है। गरुण पुराण अनुसार सांप या नागयोनी में पूर्वजों का वास माना गया है। एेसे में इस जीव की हत्या से सबसे अधिक नुकसान होता है। जिस घर में पितृ प्रसन्न नहीं हो, उनको तो सांप या नाग की सेवा करना चाहिए। इस जीव की हत्या से राहु भी खराब होता है।
कुत्ते को नहीं सताएं

आमतोर पर अक्सर ये देखने में आता है की सडक़ पर जा रहे कुत्ते को काई लात मार देता है तो कोई पत्थर मारता है। कुत्ता भगवान भैरव का वाहन है। ये काल भैरव की सवारी है। एेसे में जो कुत्ते को सताता है, उस पर से भैरव की कृपा समाप्त होती है। भैरव की कृपा समाप्त होने से पूर्वज दूर हो जाते है व भूत व पे्रत सताना शुरू कर देते है।
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