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#Ratlam निगम के कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल में बुझा एक और परिवार का चिराग

locationरतलामPublished: May 29, 2022 01:12:08 pm

Submitted by:

Kamal Singh

काटजूनगर निवासी नौ साल के मासूम मयंक पिता सुनील बैरागी पहली बार ही पिता के साथ तरणताल नहाने गया था और हो गया हादसे का शिकार

#Ratlam निगम के कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल में बुझा एक और परिवार का चिराग

#Ratlam निगम के कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल में बुझा एक और परिवार का चिराग

रतलाम. नगर निगम के कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल ने एक बार फिर से एक मासूम की जान ले ली। डेढ़ माह पहले शुरू हुए इस तरणताल में काटजूनगर निवासी सुनील अपने नौ साल के बेटे मयंक को लेकर पहली बार उसे तरणताल में नहाने ले गया था। टिकट कटाने के बाद वह अंदर पहुंचता उसके पहले ही बच्चा तरणताल में डूब गया। पिता इधर-उधर ढूंढने में लगा रहा। वहां मौजूद कर्मचारियों ने भी ध्यान नहीं दिया और वह तरणताल में डूब गया। 14 सितंबर 2014 को भी खैरादीवास निवासी 18 साल के राघव पिता आशीष पालीवाल की इसी तरणताल में डूबने से मौत हो चुकी है।

बेटे को कंधे पर लेकर अस्पताल पहुंचा पिता


तरणताल में यह घटना शनिवार की शाम करीब पौने पांच बजे की है। पिता सुनील ने बताया जैसे ही टिकट कटाकर वे अंंदर पहुंचे। तब तक बेटा मयंक अंदर जा चुका था। वे पीछे से आए और बेटे को ढूंढने लगे। वहां मौजूद निगम के लाइफ गार्ड और कर्मचारियों से पूछा भी लेकिन उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया और कह दिया कि कमरे में या दूसरी तरफ देख लो। मैं उसे ढूंढने इधर से उधर गया। बाद में पता चला कि वह चार फीट गहरे पानी में डूब चुका है। एक और बच्चा हाथपैर मार रहा था तो लाइफ गार्ड ने उसे बचा लिया। इसके पास ही मयंक भी डूब चुका था। उसे निकाला और अस्पताल ले जाने की बात कही लेकिन निगम का कोई भी कर्मचारी आने को तैयार नहीं हुआ तो वह स्वयं अपने बेटे को कंधे पर लेकर अस्पताल पहुंचे।

इकलौता पुत्र था मयंक


मयंक अपने पिता सुनील की इकलौती संतान थी। सुनील की पत्नी भावना इस समय गर्भवती है। पिता का रोरोकर बुरा हाल हो रहा है। सुनील के दोस्त अश्विनी दीक्षित के अनुसार यह निगम के ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों और लाइफ गार्ड की सरासर लापरवाही है कि एक बच्चा डूब गया और किसी को भनक तक नहीं लगी। दीक्षित ने बताया पिता सुनील वहां मौजूद केयर टेकर से बच्चे की जानकारी ले रहे थे तो वे लोग गाना सुन रहे थे। किसी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। यदि समय रहते ध्यान देते तो बच्चे को बचाया जा सकता था। घटना के समय तरणताल में 25 से ज्यादा बच्चे तैर रहे थे।

दो बच्चे डूब रहे थे जिनमें मयंक भी था


तरणताल में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तरणताल में उस समय 29 बच्चे तैर रहे थे। जिस समय मंयक डूबा उसके ठीक बाद एक और 14 साल का बच्चा भी डूब रहा था। लाइफ गार्ड ने उस बच्चे को बचाया और मयंक को बचाने के लिए दोबारा गया तब तक उसकी मौत हो गई थी। जिस बच्चे को बचाया गया वह कौन था इसकी जानकारी सामने नहीं आ पाई है। मयंक को पानी से बाहर निकालने के बाद ट्रीटमेंट दिया गया, लेनिक बचाया नहीं जा सका।

इतनी गहराई है तरणताल में


तरणताल में तीन से लेकर पांच फीट की गहराई है। पांच से दस साल के बच्चे दो फीट तक और 10 साल से ऊपर के चार फीट की गहराई में नहाने जा सकते हैं। मयंक चार फीट की गहराई में नहाने गया था और डूबने से उसकी मौत हो गई।

डेढ़ माह पहले शुरू हुआ था तरणताल


इस सीजन में निगम के इस तरणताल पिछले महीने की 14 तारीख को ही आम जनता के लिए खोला गया था। इसे शुरू हुए अभी डेढ़ माह ही बीता था कि यह घटना हो गई। तरणताल का संचालन नगर निगम के कर्मचारी ही कर रहे हैं।
राघव पालीवाल भी डूब चुका है इसमें

खैरादीवास निवासी राघव पिता आशीष पालीवाल की 14 सितंबर 2014 को डूबने से मौत हो चुकी है। राघव पालीवाल भी अपने दोस्तों के साथ तरणताल में नहाने गया। इस मामले की जांच भी हुई थी किंतु कुछ भी सामने नहीं आया।
2013 में शुरू हुआ था तरणताल
कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल का उद्घाटन वर्ष 2013 में 13 अगस्त को हुआ था। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनआशीर्वाद यात्रा लेकर रतलाम आए थे और इसी दौरान तरणताल का उद्घायन किया था।
फैक्ट फाइल

यह है तरणताल की टिकट

आयु वर्ग ————- रुपए टिकट

5 से 10 साल ———– 25

11 से 18 साल ———- 50

18 से ऊपर ————- 100
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इस साल तरणताल शुरू हुआ – 14 अप्रेल

एक बार में प्रवेश की तय संख्या – 30

घटना के समय तरणताल में बच्चे थे – 29

लाइफ गार्ड मौजूद थे – 03
तरणताल में कुल स्टाफ – 07

पैरेंट्स की मौजूदगी – 10-15

तरणताल का समय – शाम 4 से रात 10 बजे तक

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सभी को हिदायत देते हैं अंदर

बच्चों को लेकर आने वाले पेरेंट्स को अंदर हिदायत देते हैं कि अपने बच्चों को गहराई में नहीं ले जाए। बिना टिकट किसी को प्रवेश नहीं देते हैं। टिकट लेने के बाद ही बच्चा पिता के साथ अंदर गया था। पिता उसे जबरन गहराई वाली जगह ले गए। मना करने पर कह रहे थे कि उनकी खुद की जिम्मेदारी है। उन्होंने लाइफ जैकेट भी नहीं लिया था।
योगेंद्र अधिकारी, कंट्रोलर कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल
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बच्चे के डूबने से मौत हुई

काटजूनगर निवासी मयंक पिता सुनील बैरागी नामक बच्चे की तरणताल में डूबने से मौत हुई है। प्रारंभिक रूप से हमने मर्ग कायम कर जांच में लिया है।
किशोर पाटनवाला, टीआई स्टेशन रोड

निगम के कर्मचारियों की लापरवाही
निगम के कर्मचारियों की लापरवाही से बेटे मयंक की जान गई है। पहले बच्चा अंदर गया और मैं पीछे से गया। तब तक बच्चा दिखाई नहीं दिया तो वहां मौजूद कर्मचारियों से पूछा कि बच्चा कहां चला गया। उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया और कहने लगे कि इधर-उधर देख लो। फिर कहा कमरे मेंचला गया होगा तो वहां देख लो। मैं बच्चे को ढूंढने इधर से उधर दौड़ता रहा। बाद मेंपता चला कि वह तरणताल में डूब गया है। उसे तरणताल से निकलवाकर स्वयं ही कंधे पर डालकर अस्पताल लाया। निगम का कोई कर्मचारी साथ आने को तैयार नहीं था और न लाने में कोई मदद की।
सुनील बैरागी, मृतक बच्चे के पिता
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दोषियों पर कार्रवाई हो
निगम के कर्मचारियों की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है कि एक बच्चा बिना लाइफ गार्ड के अंदर पानी में चला जाता है और किसी को पता नहीं चलता है। यह एक गंभीर विषय है और वहां मौजूद सभी कर्मचारियों पर लापरवाही के लिए कार्रवाई होना चाहिए।
अश्विनी दीक्षित, समाजसेवी और सुनील के दोस्त
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