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ए ग्रेड मंडी…नियम विरूद्ध हम्मालों से उठवा रहे डबल भार

locationरतलामPublished: Dec 16, 2018 12:50:17 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

ए ग्रेड मंडी…नियम विरूद्ध हम्मालों से उठवा रहे डबल भार

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ए ग्रेड मंडी…नियम विरूद्ध हम्मालों से उठवा रहे डबल भार

रतलाम। मानव अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी पारिश्रमिक के कार्य में मानव शरीर 50 किलो से अधिक भार उठाने के बाद आगे जाके शारीरिक रूप से कमजोर होता है और अक्षमता आती है। इसलिए हम्मालों से भी मंडियों में 50 किलो से अधिक वजन नहीं उठाया जाए के निर्देश मंडी बोर्ड ने भी जारी किए है, लेकिन अब तक मंडी प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते अमल में नहीं लाया जा सका है, और अब भी 90-100 किलो यानि दो गुना भार उठाने को मजबूर है।
ए ग्रेड की रतलाम और नामली मंडी में करीब 450 के करीब हम्माल है। ऐसा नहीं कि मंडी प्रशासन को इस संबंध में पता नहीं है। एक साल होने आया, कई समिति की बैठकें आयोजित की गई, लेकिन निर्णय आज तक नहीं हो पाया। व्यापारी वर्ग 50 किलो के बारदान उपलब्ध नहीं होना, हम्माली दर तय नहीं कर पाने में अन्य मंडियों का हवाला देता नजर आया तो हम्मालों का कहना था कि जैसे सब्जी मंडी में लहसुन-प्याज के प्रति नग पर हम्माली है उसी दर पर अनाज मंडी में भी लागु कर दी जाए, लेकिन मामला आज तक अटका हुआ है।
मजबूरी में 90 से 100 किलो तक का वजन हर दिन उठा रहे

शासन नियमानुसार यदि किसी व्यापारी द्वारा हम्माल से एक क्विंटल (100 किलो) उठावाया तो ऐसे व्यापारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही होना है, लेकिन रतलाम जिले की सभी मंडियों में 40 से 60 साल तक के लायसेंस हम्माल आज भी मजबूरी में 90 से 100 किलो तक का वजन हर दिन उठा रहे हैं। हम्मालों का कहना है कि नियम तो है, लेकिन मंडी में आज तक लागू नहीं किया कई बार बैठक हो चुकी है, अगर 50 किलो भार हो जाए तो काफी राहत मिलेगी। बता दें कि कृषि उपज मंडी महू-नीमच रोड पर 450 के करीब हम्माल है, इनमें से 300 के करीब लायसेंसी है। जमादार मो. हुसैन ने बताया कि नियम सख्ती से लागू होना चाहिए, कई बार बैठक हुई लेकिन आज भी हम्माल 50 के स्थान पर 100 किलो तक भार उठा रहा है। सब्जी मंडी के अनुसार यहां भी नियमानुसार हम्माली कर दी जाए और नियम लागू करे तो हम्मालों को काफी राहत होगी। क्योंकि यहां 40 से 50 की उम्र के150 के करीब लायसेंसी हम्माल होंगे, इसी प्रकार 50-60 उम्र में 80 के करीब हम्माल है, जो नियमित रूप से अपनी रोजी रोटी के लिए मजबूरी में अधिक भार उठा रहे हैं। हुसैन ने बताया कि मंडी के अंदर मुस्ताक चाचा, हमीद खां, फूलसिंह, बूंदखां कुरैशी, धन्नाबा, हमीद भाई मंसूरी, रमेश मकवाना जो काफी समय से मंडी में हम्माल करते आ रहे हैं।
क्या कहते हम्माल
– मोहनलाल मकवाना ने बताया कि मैं 30-35सालों से मंडी में हम्माली करता आ रहा हूं, अब उम्र 60 साल हो गई है। अब भी साथियों के साथ 90-100किलो के मध्य दिन भर में 80-90 क्विंटल भार उठाता हूं। 50 किलो वजन कर देंगे तो काफी राहत मिलेंगी, क्योंकि उम्र के हिसाब से अब थकान भी होती है, पर मजबूरी में हम्माली तो करना पड़ती है।
– चम्पालाल पाटीदार का कहना है कि मैरी उम्र 46 वर्ष है,15-20 सालों से हम्माली कर रहा हूं। 50 किलो वजन होना चाहिए, भार कम होगा तो काम अधिक रफ्तार से होगा। सरकार ने यूरिया की प्रति बोरी पर 50 किलो के स्थान पर अब 45 किलो वजन कर दिया, लेकिन मंडी में अब भी 90-100 किलो ही उठवाया जा रहा है।
प्रशासन 50 किलो वजन का सख्ती से नियम लागू करें
मानव अधिकार अधिनियम के तहत परिश्रमिक नियम है कि 50 किलो से अधिक वजन हम्मालों से नहीं उठाया जाए, इसी तहत मंडी प्रशासन को भी सख्ती से नियम का पालन करवाना चाहिए। इसका खामियाजा युवा से लेकर बुजुर्ग हम्माल भुगत रहे हैं। यह नियम आता है तो हम्मालों में आगे जाकर शारीरिक अक्षमता नहीं आएगी और उन्हे राहत मिलेंगी। क्योंकि हम्मालों के लिए शासन की कोई योजना नहीं है, इसके बावजूद वृद्ध होने तक 90-100 किलो वजन उठा रहे है तो, 50 किलो वजन का नियम लागू होना चाहिए।
सुरेंद्रसिंह भाटी, हम्माल-तुलावटी प्रतिनिधि, मंडी समिति रतलाम
आगामी बैठक में मामला रखेंगे
मंडी समिति में तीनों पक्षों को यह निर्णय हुआ था कि आसपास की मंडियों में जैसे ही 50 किलो भर्ती का नियम लागू हो जाएगा, हम भी कर लेंगे। प्रशासन का अवगत कराकर, आगामी बैठक में इस मामले पर पुन: विचार के लिए रखा जाएगा। ई-अनुज्ञा के लिए सोमवार को ट्रेनिंग भी व्यापारियों की रखी गई है।
एमएल बारसे, सचिव, कृषि उपज मंडी रतलाम
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