प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रीमियम जमा करने के बावजूद नुकसानी पर बीमा लाभ नहीं मिलने से नाराज किसानों का घुस्सा मंगलवार को समस्या निवारण शिविर में फुट पड़ा। आक्रोशित किसानों ने जब शिविर में उपस्थित कृषि अधिकारियों से पुछा की आप लोग ही फसल नुकसानी आंकलन करने आए थे, पंचनामा बनाया और फिर क्यों फसल बीमा नहीं दिया जा रहा है तो अधिकारियों को जवाब नहीं देते नहीं बना। घुस्साए किसानों ने अधिकारियों से कहा कि जब समस्या निवारण नहीं कर सकते तो बंद करो ये नौटंकी और कृषकों ने कृषि उपज मंडी रतलाम कार्यालय के गेट पर लगा रखा शिविर बोर्ड फाड़़ दिया। इसके बाद कई किसानों ने अपनी समस्या कृषि अधिकारियों को बताई, कृषि अधिकारियों ने भी नाम, गांव और मोबाइल नंबर लिखकर ले वरिष्ठ अधिकारियों को समस्या बताने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत कुछ पटवारी हल्को में बीमा दावा राशि प्राप्त नहीं होने पर कृषकों द्वारा विभिन्न संगठनों के माध्यम से तहसील एवं जिला स्तर पर ज्ञापन दिए जा रहे हैं। इसलिए बीमा योजना के अनुरूप जिन क्षेत्रों में बीमा दावा राशि प्राप्त नहीं हुआ है, उन क्षेत्रों के कृषकों को मंडी स्तर पर बुलाकर वस्तु स्थिति से अवगत कराए जाने के संबंध में मंडी स्तर पर एक दिवसीय समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया था, कृषि उपज मंडी में आयोजित शिविर सुबह 11.30 बजे बाद शुरु किया गया, इसके पहले कई किसान उन्हे पता नहीं चला की शिविर कहा लगाया जाएगा।
11.30 बजे बाद सहायक संचालक कृषि रतलाम डीआर माहोर और एडीओ एनएस राठौर पहुंचे, जिन्होंने मंडी कार्यालय गेट पर कुर्सी लगाई और किसानों नाम, ग्राम और मोबाईल नंबर लेना शुरू कर दिया, लेकिन किसानों के सवालों के आगे कृषि अधिकारी हक्का बक्का हो गए और अधिकारी बस यह कहते नजर आए है हम जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला उनके नाम, ग्राम, मोबाईल नंबर लेने आएं है। इस पर किसानों ने कहा फिर ये समस्या निवारण शिविर क्यों, ये तो आप सभी को पता है कि किसे और कहां कहां पर मुआवजा मिला है, किसे नहीं। शिविर में ना तो बीमा कम्पनी, बैंक कर्मी और ना ही पटवारी उपस्थित होने पर भी किसानों ने नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान अधिकारी वरिष्ष्ठ अधिकारी को मौके से फोन भी लगाते नजर आए। इस मौके पर कृषक शांतिलाल पाटीदार, गोविंदराम पाटीदार, मन्नालाल पाटीदार, बगदीराम पाटीदार आदि ने उपस्थित अधिकारियों से चर्चा की, लेकिन उनके पास फसल बीमा समस्या निवारण के लिए संतुष्टीपूर्ण जवाब नहीं मिलने से नाराज होकर चले गए।
कृषक राजेश पुरोहित ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर फसल बीमा समस्या निवारण के लिए कृषि उपज मंडी में शिविर आयोजित किया जाना था, लेकिन मैं सुबह 11 बजे से यहां पर हूं। कोई अधिकारी मौजूद नहीं दिखा और मंडी अधिकारियों से पूछा तो उन्हे भी नहीं पता की शिविर कहां पर लगाया जाएगा। उपसंचालक कृषि अधिकारी को फोन लगाया तो उनका कहना था कि अधिकारी आ रहे हैं। कई बार फोन लगाया इसका बाद 11.30 बजे बाद शिविर शुरू हुआ, इसके बावजूद कोई जवाबदारी अधिकारी नहीं है जो किसानों को सहीं से जवाब देकर उन्हे समझा सके। यहां किसान फसल बीमा के संबंध में कई प्रकार की समस्या लेकर आ रहे हैं, लेकिन अधिकारी केवल उनका नाम, मोबाईल नंबर लेकर कह रहे हैं कि आपकी समस्या लेकर हम उपर पहुंचा देंगे, किसान इससे संतुष्ट नहीं है। किसानों से स्वेच्छक बीमा करवाया जाए, प्रीमियम काटने के बाद लाभ नहीं मिलने से काफी किसान नाराज है।
ग्राम मांगरोल से आए कृषक अम्बाराम भाभर ने बताया कि 9 बीघा में फसल तो अच्छी लहलहा रही है, लेकिन एक भी फली नहीं आई है। शिविर में पहुंचा तो उनका कहना था कि यहां 2017 की फसल बीमा की समस्या निवारण शिविर लगाया गया है। गांव के उपसरपंच मुकेश राठौड़ ने बताया कि इस साल भी गांव की फसल में 40 प्रतिशत तक अफलन की स्थिति है, और पिछले साल का भी बीमा नहीं मिला है। ग्राम कारोदा के जगदीश हरिकिशन पाटीदार, गीताबाई जगदीश, निर्मल जगदीश पाटीदार की 18 हजार के करीब प्रीमियम राशि काटी गई, लेकिन नुकसानी के बावजूद आज तक एक रुपए नहीं मिला। सालगराम, शांतिलाल मोहनलाल पाटीदार कारोदा भी फसल बीमा नहीं मिलने की शिकायत लेकर आए थे।