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गले में प्यास, माथे पर पसीना फिर भी जुनून काम का

locationरतलामPublished: Apr 20, 2022 10:09:04 am

Submitted by:

Ashish Pathak

4३ से अधिक डिग्री तापमान में भी कर रहे है काम, रेल कर्मचारियों के जुनून के आगे सूरज के तेवर कमजोर साबित हो रहे है।

Tragic accident occurred while crossing railway track

रेलवे ट्रेक पार करते समय हुआ दर्दनाक हादसा

रतलाम. रेल मंडल में कर्मचारी 43 से अधिक डिग्री तापमान में भी बिजली के तार को सही करने का काम कर रहे है। इन तार के रखरखाव से ही नई दिल्ली से लेकर रतलाम होते हुए मुंबई तक प्रतिदिन 200 से अधिक यात्री ट्रेन चलती है। इन कर्मचारियों के गले में तेज प्यास रहती है व माथे से लेकर पैर तक पसीना टपकता रहता है, लेकिन काम का जुनून इतना की काम पूरा करके ही रेलपथ से लौटते है। रेलवे ट्रैक से लेकर स्टेशन तक के सिग्नल का इन दिनों रखरखाव जारी है।
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रेल मण्डल के रेल कर्मचारियों का हौसला काम के दौरान देखते ही बनता है। यात्री ट्रेन अपनी पूरी गति के साथ सुरक्षित चले इसके लिए जिस तत्परता से यह काम कर रहे है, वो देखने लायक है। रेलवे के बिजली विभाग व ट्रैक की बिजली में सुधार करने वाले कर्मचारी इन दिनों सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक नादगा से लेकर गोधरा तक इसी तरह काम कर रहे है।
Dead body of youth found on railway track
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पानी तक नहीं मिलता कई किमी तक


कर्मचारियों ने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि काम के दौरान आसपास कोई तालाब या नदी नहीं होती। ऐसे में कई किमी तक पानी ही नहीं होता। तब गर्मी भले असहनीय हो, लेकिन समय पर काम करना जरूरी होता है। कर्मचारियों के अनुसार स्वयं पानी की एक बोतल लेकर जाते तो है, लेकिन गर्मी के मौसम में वो नाकाफी रहता है। ऐसे में भले गला प्यास से सूख रहा हो, लेकिन समय पर काम करना जरूरी होता है।
Nimadkheri Sanavad Railway Track
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यात्री ट्रेन का सुरक्षित व समय पर संचालन

इस समय गर्मी के मौसम में तो कपड़े तक गिले पसीने से हो रहे है। इसके बाद भी समय पर काम पूरा करके दे रहे है। इसकी एक बड़ी वजह रखरखाव समय पर नहीं हो तो यात्री ट्रेन का सुरक्षित व समय पर संचालन ही नहीं हो।
INDIAN RAILWAY---यह रेलखंड इलेक्ट्रिक ट्रेन संचालन के लिए घो​षित हुआ फिट
इसलिए ही पुरस्कार मिलते है


रेल मंडल को जब पश्चिम रेलवे से विभिन्न श्रेणी में बेहतर काम करने पर पुरस्कार मिलता है, तब हमारे हर विभाग के कर्मचारी का अमूल्य सहयोग व काम ही आधार रहता है। रेल मंडल में सबसे अधिक ट्रैक को सुरक्षित किया गया है।

– विनीत गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक

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