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video – मप्र के एक और शहर में निकला सीएए के समर्थकों का महारैला

locationरतलामPublished: Jan 08, 2020 04:22:26 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

नागरिक संशोधन काननू (सीएए) के समर्थन में रतलाम शहर में बुधवार को मौन महारैली में हजारों लोग शामिल हुए। हाथों में समर्थन की तख्तियां और तिरंगा थामे लोगों की कतार टूटने का नाम नहीं ले रही थी।

मप्र के एक और शहर में निकला सीएए के समर्थकों का महारैला

मप्र के एक और शहर में निकला सीएए के समर्थकों का महारैला

रतलाम. नागरिक संशोधन काननू (सीएए) के समर्थन में रतलाम शहर में बुधवार को मौन महारैली में हजारों लोग शामिल हुए। हाथों में समर्थन की तख्तियां और तिरंगा थामे लोगों की कतार टूटने का नाम नहीं ले रही थी। सामाजिक संगठन ने प्रशासन ने अनुमति नहीं मिलने के बावजूद शांतिप्रिय तरीके से बुधवार को मौन महारैली निकाली। महारैली में शामिल लोगों ने बताया कि ये रैली किसी के विरोध में नहीं है। भारत सुरक्षा मंच की ओर से आयोजित इस महारैली में दावा किया गया कि महारैली में २५ हजार से अधिक लोगों के शामिल हुए। रैली को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क रहा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे में जिले में अलग-अलग स्थानों पर फोर्स तैनात रही।

रैली से पूर्व एक दर्जन से ज्यादा समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि हम संविधान का समर्थन करने के लिए रैली निकाल रहे हैं। रैली कानून के समर्थन में निकल रही है न कि विरोध में और रैली भी मौन है, एेसे में उन्हे किसी प्रकार की अनुमति की जरूरत भी नहीं है। रैली अपने तय समय से तय स्थान से निकली, इसको लेकर प्रशासन को पहले ही अवगत करवा दिया गया था। रैली शहर के शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय से दोहपर १ बजे शुरू हुई और शहर के प्रमुख बाजारों से होकर नगर निगम स्थित महाराजा रतनसिंह की प्रतिमा के पास पहुंचेगी। यहां राष्ट्रगान के बाद रैली का समापन होगा। इसमें शामिल लोग हाथ में तख्तियां व झंडे लेकर मौन धारण कर चलते नजर आएंगे। रैली मुख्य रूप से कॉलेज रोड से जेल रोड, रानीजी का मंदिर, गणेश देवरी, तोपखाना, चौमुखीपुल, घांसबाजार, माणक चौक, डालूमोदी बाजार होकर नगर निगम तिराहे पर पहुंचेगी।
मप्र के एक और शहर में निकला सीएए के समर्थकों का महारैला
इससे पहले सीएए पर लोगों को जगारूक करने के लिए शहर पहुंचे राष्ट्रीय अजा आयोग अध्यक्ष, रामशंकर कठेरिया ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्षी दलों की राजनीति को समझना जरूरी है। इस कानून में संशोधन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिराजी, अटल, और मनमोहनसिंह के कार्यकाल में भी लागू हुए लेकिन हल्ला नहीं मचा। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं इसलिए इस कानून के नाम पर उनका विरोध हो रहा है। इस कानून के विरोध के नाम पर देश तोडऩे वाले सड़क पर उतर सकते हैं तो देश को जोडऩे वाले भी उतर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर विपक्षी दलों की राजनीति हर भारतीय को समझना होगी और समर्थन के लिए आगे आना होगा।
मप्र के एक और शहर में निकला सीएए के समर्थकों का महारैला

इस समाज के लोग भी हुए शामिल
सकल जैन श्रीसंघ के महेंद्र चाणोदिया, मैढ़ क्षत्रिय समाज के अशोक सोनी व दिलीप सोनी, कोष्टी समाज के आरएस केसरी, देवसुर तपागच्छ जैन समाज की तरफ से सुनील ललवानी, राजपूत नवयुवक मंडल न्यास की तरफ से राजेंद्र सिंह गोयल, सर्व ब्राह्मण समाज की तरफ से संयोजक पुष्पेंद्र जोशी, सहस्त्र औदिच्य ब्राह्मण समाज की तरफ से बद्रीलाल शर्मा, मालवीय समाज की तरफ से भगवतीलाल बारिया, महाराष्ट्र समाज की तरफ से सुधीर सराफ, सिख समाज की तरफ से देवेंद्रसिंह बग्गा, सरदार पटेल युवा संगठन के राकेश पाटीदार, अभा बलाई समाज की तरफ से बाबूलाल मालवीय, कोरी समाज की तरफ से मोहन टेलर, अग्रवाल समाज की तरफ से गोविंद अग्रवाल, लोहार समाज की तरफ से रमेश लोहार और मप्र दर्जी समाज की तरफ प्रेमनारायण वर्मा ने पत्रकार वार्ता में मौजूद रहकर सीएए कानून का समर्थन किया।

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