scriptझाबुआ उपचुनाव से लौटे नेता, अब रतलाम पर मंथन | Leaders returned from Jhabua by-election, now churned on Ratlam | Patrika News

झाबुआ उपचुनाव से लौटे नेता, अब रतलाम पर मंथन

locationरतलामPublished: Oct 20, 2019 01:10:52 pm

Submitted by:

sachin trivedi

वार्ड परिसीमन पर भाजपा जुटा रही फीडबैक, आज जिलाध्यक्ष के साथ चर्चा

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रतलाम. शहर में नगरीय निकाय चुनाव से पहले वार्ड परिसीमन के प्रारंभिक प्रकाशन पर भाजपा में मची खलबली बड़े नेताओं तक पहुंच गई है। भाजपा के आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों ने खुलकर नए परिसीमन का विरोध किया है तो झाबुआ के उपचुनाव प्रचार में जुटे जिलाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता भी लौटने के बाद रविवार को इस पर मंथन करने वाले है। हालांकि कांग्रेस ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले है, कांग्रेस के ज्यादातर पार्षद परिसीमन को लेकर संतुष्ठ नजर आ रहे है तो कुछ पार्षदों की मांग आंशिक सुधार की है।
संगठन भी खुलकर परिसीमन के विरोध में उतर आया
शहर में आगामी नगरीय निकाय चुनाव से पहले प्रशासन ने वार्ड परिसीमन का प्रकाशन कर दिया है। सात दिन के बाद इसका आखिरी और अंतिम प्रकाशन किया जाना है। इससे पहले ही भाजपा इसके विरोध में मुखर हो गई है। भाजपा के ज्यादातर पार्षद परिसीमन को लेकर कांग्रेस के दबाव में किया गया बताकर विरोध दर्ज करा रहे है तो संगठन भी खुलकर परिसीमन के विरोध में उतर आया है। शनिवार को भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह लुनेरा सहित अन्य वरिष्ठ नेता झाबुआ के उपचुनाव प्रचार से वापस लौट आए है। अब पार्षदों का दल जिलाध्यक्ष के साथ चर्चा कर आगे के कदम पर निर्णय करेगा। पहली रणनीति के तहत भाजपा परिसीमन को लेकर लिखित में आपत्ति दर्ज कराएगी। इसके बाद अपने विधि पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर कोर्ट जाने का विकल्प भी खुला रखा जाएगा। इसके पहले भाजपा परिसीमन के आखिरी प्रकाशन होने का इंतजार करेगी।
नगर निगम के माध्यम से किया गया परिसीमन
प्रशासन ने वार्ड परिसीमन का खाका नगर निगम की मैदानी टीम के साथ तैयार किया है। शहर के 49 वार्डो की संख्या बढ़ोतरी की मांग वर्ष 2009 के परिसीमन के दौरान से हो रही थी, लेकिन पहले वर्ष 2014 और अब 2019 के परिसीमन में इसे खारिज कर दिया गया है। शहर में वार्डो की संख्या ना बढ़ाकर फैले क्षेत्रों को समायोजित करने के कारण कई वार्डो की सीमाएं उलझ गई है। जानकारों की माने से इससे परिसीमन गड़बड़ा गया।
आपत्ति के लिए लिखित दर्ज कर रहे शिकायत
एसडीएम कार्यालय ने मांंग पत्र या ज्ञापन के बजाय लिखित आधार पर मिलने वाली आपत्ति को प्राथमिकता में रखा है। समूह के तौर पर दिए जाने वाले आवेदनों को भी लिखित में दर्शाने पर आपत्ति दर्ज मानी जाएगी। इसी आधार पर इनका निराकरण भी अलग अलग श्रेणी के आधार पर किया जाएगा। सिंगल शिकायतें पहले निराकृत होना है। वार्ड परिसीमन के प्रारंभिक प्रकाशन के दूसरे दिन शनिवार को भी एसडीएम कार्यालय पर लिखित शिकायत दर्ज नहीं हुई है, संभवत: सोमवार से आपत्ति दर्ज कराई जा सकेगी।
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