पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गोपाल नौगांवा जागीर में साधु बनकर रह रहा था। उसका शिष्य दिलीप पिता जगदीश प्रजापत २८ निवासी नेमिनाथ नगर और वह बांसवाड़ा कार से गए थे। गुरुवार की शाम को बांसवाड़ा से लौट रहे थे कि सरवन के छोटा केदारेश्वर के यहां मंदिर के पास ही अचानक गोपाल की तबीयत खराब हुई। शिष्य दिलीप उसे सीधे जिला अस्पताल लेकर पहुंचा तब तक उसकी मौत हो गई थी।
परिजनों को दिलीप ने की सूचना
शिष्य दिलीप ने गोपाल के महाराष्ट्र में रहने वाले परिजनों को सूचना दी। गोपाल के बड़े भाई रघुनाथ ने बताया कि वे मूल रूप से ओझर तालुका मिलाड़ जिला नासिक महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। गोपाल २१ मार्च २०१९ को घर से गायब हो गया था। इसके पहले वह अंगूर का व्यापार करता था। इसके बाद पता नहीं कहां-कहां रहा। गुरुवार की रात को पता चला तो यहां पहुंचे। रघुनाथ के साथ गोपाल की पत्नी संगीता भी आई थई। गोपाल के कोई संतान नहीं है। रघुनाथ ने बताया कि पूर्व में गोपाल का हार्ट का आपरेशन हो चुका था।
शिष्य दिलीप ने गोपाल के महाराष्ट्र में रहने वाले परिजनों को सूचना दी। गोपाल के बड़े भाई रघुनाथ ने बताया कि वे मूल रूप से ओझर तालुका मिलाड़ जिला नासिक महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। गोपाल २१ मार्च २०१९ को घर से गायब हो गया था। इसके पहले वह अंगूर का व्यापार करता था। इसके बाद पता नहीं कहां-कहां रहा। गुरुवार की रात को पता चला तो यहां पहुंचे। रघुनाथ के साथ गोपाल की पत्नी संगीता भी आई थई। गोपाल के कोई संतान नहीं है। रघुनाथ ने बताया कि पूर्व में गोपाल का हार्ट का आपरेशन हो चुका था।