जांच दल को नगर परिषद् से इसकी सूची भी नहीं मिली कि किस हितग्राही के खाते में कितने रुपए गए है। अपात्रों में किसके खाते में कितनी किश्त की कुल कितनी राशि जमा हुई है, इससे जुड़े दस्तावेज भी परिषद् में जांच दल को नहीं मिल सके है। एेसे में एसडीएम ग्रामीण प्रवीण फुलपगारे ने राशि वसूली के पहले उसके बारे में पता लगाने के लिए अब ऑडिट से राशि के बारे दस्तावेज व जानकारी मांगी है। उसे देखकर ही इस बात का खुलासा हो सकेगा कि आखिर कितने अपात्रों को कुल कितनी राशि गई है।
अपात्रों को पात्र बताकर पीएम आवास देने की शिकायत के बाद जब जांच दल ने हितग्राहियों की सूची व जानकारी से जुड़े दस्तावेज नगर परिषद् से मांगे तो वे नहीं मिल सके। एेसे में जांच दल के पास जो सूची थी, उसके आधार पर दलों ने संबंधितों को नोटिस जारी कर उनसे उनके पात्र होने से जुड़े दस्तावेज एकत्र किए, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि 336 अपात्रों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया है। ये वे लोग थे जो किसी न किसी व्यक्ति के चहेतों में शामिल थे।
ऑडिट से जानकारी आने के बाद प्रशासन को पता चल सकेगा कि आखिर कितने अपात्रों के खातों में कितनी राशि शासन ने जमा कराई है। उसके बाद ही एसडीएम ग्रामीण कार्यालय से अपात्रों से वसूली के संबंध में नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस के बाद भी यदि कोई राशि जमा नहीं कराता है तो एेसे लोगों के खिलाफ जांच अधिकारी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। फिलहाल अपात्रों से वसूली पहली प्राथमिकता है।
नहीं मिल रही जानकारी
– नगर परिषद् नामली में जो जानकारी होना चाहिए थी, वह जांच के दौरान नहीं मिल सकी है। ३३६ अपात्रों में किसके खाते में कितनी किश्त की कितनी राशि जमा हुई है, उसकी जानकारी भी एकत्र की जा रही है। उसके लिए ऑडिट विभाग से जानकारी मांगी है, जो जल्द मिल जाएगी।
प्रवीण फुलपगारे, एसडीएम ग्रामीण रतलाम