scriptपीएम आवास घोटाले में नामली के तत्कालीन सीएमओ की भूमिका संदिग्ध | Letest News in PM Aawas scam | Patrika News

पीएम आवास घोटाले में नामली के तत्कालीन सीएमओ की भूमिका संदिग्ध

locationरतलामPublished: Oct 16, 2019 12:17:30 pm

Submitted by:

Sourabh Pathak

– कितने लोगों के खाते में कितनी राशि जमा हुई उसकी जानकारी जुटा रहे जांच अधिकारी, गड़बड़ी से जुड़े दस्तावेज भी नहीं मिले नगर परिषद् में

Tamilnadu man sent marriage invitation: Man gets replies from PM Modi

Tamilnadu man sent marriage invitation: Man gets replies from PM Modi

रतलाम। नामली में हुए प्रधानमंत्री आवास घोटाले में नगर परिषद् के तत्कालीन सीएमओ की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। सीएमओ ही नहीं यहां के कुछ अन्य कर्मचारी भी अब शंका के घेरे में है। एेसे में एसडीएम ग्रामीण की जांच में इन लोगों की भूमिका का पता लगाने का काम भी अब शुरू हो चुका है। साथ ही इस बात की भी जानकारी जुटाई जा रही है कि कितने लोगों के खाते में कुल कितनी राशि की कितनी किश्ते जमा हुई थी।
नामली के पार्षद प्रकाश कुमावत की शिकायत पर कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच में कई महत्वपूर्ण तथ्य निकलकर सामने आए है। खास बात तो यह है कि जांच दल ने जब इस गड़बड़ी की शिकायतों की जांच के लिए नगर परिषद् पहुंचे तो उन्हे वहां कई लोगों के दस्तावेज ही नहीं मिले और जिन लोगों के दस्तावेज मिले वो भी अधूरे थे। जिसके चलते कौन पात्र है और कौन अपात्र इसका पता लगाने में जांच दल को चार माह का समय लग गया। तब जाकर इस घोटाले का खुलासा हो सका है।
ऑडिट से आएगा हिसाब
जांच दल को नगर परिषद् से इसकी सूची भी नहीं मिली कि किस हितग्राही के खाते में कितने रुपए गए है। अपात्रों में किसके खाते में कितनी किश्त की कुल कितनी राशि जमा हुई है, इससे जुड़े दस्तावेज भी परिषद् में जांच दल को नहीं मिल सके है। एेसे में एसडीएम ग्रामीण प्रवीण फुलपगारे ने राशि वसूली के पहले उसके बारे में पता लगाने के लिए अब ऑडिट से राशि के बारे दस्तावेज व जानकारी मांगी है। उसे देखकर ही इस बात का खुलासा हो सकेगा कि आखिर कितने अपात्रों को कुल कितनी राशि गई है।
नोटिस देकर मांगी जानकारी
अपात्रों को पात्र बताकर पीएम आवास देने की शिकायत के बाद जब जांच दल ने हितग्राहियों की सूची व जानकारी से जुड़े दस्तावेज नगर परिषद् से मांगे तो वे नहीं मिल सके। एेसे में जांच दल के पास जो सूची थी, उसके आधार पर दलों ने संबंधितों को नोटिस जारी कर उनसे उनके पात्र होने से जुड़े दस्तावेज एकत्र किए, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि 336 अपात्रों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया है। ये वे लोग थे जो किसी न किसी व्यक्ति के चहेतों में शामिल थे।
वसूली के जारी होंगे नोटिस
ऑडिट से जानकारी आने के बाद प्रशासन को पता चल सकेगा कि आखिर कितने अपात्रों के खातों में कितनी राशि शासन ने जमा कराई है। उसके बाद ही एसडीएम ग्रामीण कार्यालय से अपात्रों से वसूली के संबंध में नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस के बाद भी यदि कोई राशि जमा नहीं कराता है तो एेसे लोगों के खिलाफ जांच अधिकारी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। फिलहाल अपात्रों से वसूली पहली प्राथमिकता है।
इनका कहना है
नहीं मिल रही जानकारी
– नगर परिषद् नामली में जो जानकारी होना चाहिए थी, वह जांच के दौरान नहीं मिल सकी है। ३३६ अपात्रों में किसके खाते में कितनी किश्त की कितनी राशि जमा हुई है, उसकी जानकारी भी एकत्र की जा रही है। उसके लिए ऑडिट विभाग से जानकारी मांगी है, जो जल्द मिल जाएगी।
प्रवीण फुलपगारे, एसडीएम ग्रामीण रतलाम
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो