पहले झाबुआ और फिर रतलाम लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद भी रतलाम जिले के निवासी को सांसद बनने का मौका नहीं मिला है। हालांकि रतलाम जिले के मतदाता रतलाम लोकसभा सांसद के साथ उज्जैन और मंदसौर का सांसद चुनने के लिए भी अपने मताधिकार का उपयोग करते है। तीन सांसदों को चुनने का अधिकार होने के बावजूद स्टेटकाल के बाद रतलाम जिले का निवासी किसी भी लोकसभा से सांसद नहीं बना है। इस बार भी इतिहास दोहराने का अनुमान है। कांग्रेस से संभावित प्रत्याशी झाबुआ से है तो भाजपा के संभावित प्रत्याशियों के पैनल में भी झाबुआ से नाम जुड़ा है।
भाजपा से झाबुआ विधायक संभावित दावेदार
भाजपा ने पहले चरण की रायशुमारी के बाद झाबुआ के विधायक गुमानसिंह डामोर को संभावित दावेदारों की पैनल में सबसे ऊपर रखा है। इसके बाद आलीराजपुर से पूर्व विधायक नागरसिंह चौहान का नाम है। पैनल में तीसरे दावेदार के तौर पर थांदला के विधायक रहे कलसिंह भाबर का नाम शामिल है। रतलाम जिले से एकमात्र नाम सैलाना की पूर्व विधायक संगीता चारेल का है, लेकिन इस पर मुहर की संभावना बेहद कम है।
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने रतलाम लोकसभा से सांसद कांतिलाल भूरिया को ही फिर से उतारने के संकेत दे दिए है। भूरिया इसी अनुरूप अपने क्षेत्र में सक्रिय भी हो गए है। उनके पुत्र डॉ. विक्रांत भूरिया भी विधानसभाओं के सम्मेलन में सक्रिय नजर आए थे, हालांकि फिलहाल वे स्वास्थ्य कारणों के चलते अभी दिल्ली से वापस नहीं लौटे है।