पांच हजार रुपए मांगे थे
पीडि़त हरिवल्लभ ने बताया कि अनुमति जारी करने के लिए मनीष ने उससे पांच हजार रुपए मांगे थे, लेकिन बाद में वह तीन हजार रुपए लेकर अनुमति दिलवाने के लिए तैयार हो गया था। इस बात से परेशान होकर पीडि़त ने लोकायुक्त उज्जैन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद टीम ने रतलाम पहुंचकर मनीष को उसके कार्यालय में पीडि़त से तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसडीएम कार्यालय में रीडर पर हुई कार्रवाई को लेकर हर कोई सकते में था।
पीडि़त ने बताया कि वह बीते २२ वर्ष से कार्यालय में ईमानदारी से काम कर रहा था। मई २०१८ से डाक लाने ले जाने का काम कर रहा था। एसडीएम के फस्र्ट रीडर मनीष विजयवर्गीय को आवेदन दिया था। मैंने सैलाना की कॉलोनी में छोटा सा प्लाट लिया था। वहां पर पानी कमी थी इस कारण से बोरिंग कराना थी, लेकिन इसने बहुत परेशान कर दिया था। इसी से तंग होकर लोकायुक्त में शिकायत की थी।
इनका कहना है
रीडर को रंगेहाथ पकड़ा
– एसडीएम कार्यालय सैलाना में रीडर मनीष को हरिवल्लभ से तीन हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था। पीडि़त ने एसपी लोकायुक्त को लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी। उसके बाद लेन-देन की पूरी चर्चा को रिकॉर्ड किया गया था। उसके बाद आज रिश्वत लेते उसे पकड़ लिया।
वेदांत शर्मा, डीएसपी लोकायुक्त, उज्जैन