मतदान दलों के साथ ईवीएम ले जाने वाले वाहनों में जीपीएस एक्टिव करने के लिए 17 तारीख को इसे लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एक ही दिन में सभी वाहनों में इन्हे लगाए जाने के बाद इनकी टेस्टिंग की जाएगी, उसमें किसी प्रकार की परेशानी होने पर उसे तत्काल दूर किया जाएगा। सभी वाहनों में जीपीएस फिट करने के बाद इन्हे कंट्रोल रूम तैयार कर एक सर्वर से जोड़ा जाएगा, जिस पर हर गाड़ी की लोकेशन आसानी से देखी जा सकेगी। गाड़ी कहां से कब चली और कहां पर किस समय कितनी देर के लिए रूकी, इन सबकी जानकारी जीपीएस से पता चल जाएगी।
1292 मतदान केंद्र
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिले में इस बार 1292 मतदान केंद्र स्थापित किए गए है। प्रत्येक केंद्र पर करीब चार कर्मचारियों के साथ सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रहेगी। इन सभी केंद्रों पर जाने वाले पांच हजार से अधिक मतदान दल के सदस्यों के साथ सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे। इन केंद्रों पर ईवीएम व वीवीपेट मशीन को लाने ले जाने वाले दल व मशीन सभी जीपीएस से लेस गाड़ी में जाएंगे और आएंगे, जिससे चुनाव के दौरान ईवीएम को लेकर लगने वाले आरोपों से बचा जा सके। चिन्हित केंद्र व मतदान कर्मियों के अतिरिक्त करीब बीस प्रतिशत ईवीएम व स्टाफ भी इमरजेंसी के लिए मौजूद रहेगा।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिले में इस बार 1292 मतदान केंद्र स्थापित किए गए है। प्रत्येक केंद्र पर करीब चार कर्मचारियों के साथ सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रहेगी। इन सभी केंद्रों पर जाने वाले पांच हजार से अधिक मतदान दल के सदस्यों के साथ सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे। इन केंद्रों पर ईवीएम व वीवीपेट मशीन को लाने ले जाने वाले दल व मशीन सभी जीपीएस से लेस गाड़ी में जाएंगे और आएंगे, जिससे चुनाव के दौरान ईवीएम को लेकर लगने वाले आरोपों से बचा जा सके। चिन्हित केंद्र व मतदान कर्मियों के अतिरिक्त करीब बीस प्रतिशत ईवीएम व स्टाफ भी इमरजेंसी के लिए मौजूद रहेगा।
अधिकारियों के वाहनों में भी जीपीएस
चुनाव के दिन अतिरिक्त बल व सेक्टर में भम्रण करने वाले अधिकारियों के वाहनों में भी इमरजेंसी के लिए ईवीएम रखी जाएगी। जिसके चलते इनके वाहनों में भी जीपीएस लगाया जाएगा जिससे कि इनकी लोकेशन भी ट्रेस हो सके। चुनावी ड्यूटी के दौरान मतदानकर्मियों के अतिरिक्त पांच हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी मतदान दल के साथ व अतिरिक्त पेट्रोलिंग पार्टी के रूप में घूमते नजर आएंगे। ईवीएम के साथ ही करीब 16 प्रतिशत अधिकारी व कर्मचारी भी इमरजेंसी ड्यूटी पर रिजर्व स्टाफ व बल के रूप में मौजूद रहेंगे। कहीं पर जरूरत पढऩे की स्थिति में इन लोगों को भेजा जाएगा।
चुनाव के दिन अतिरिक्त बल व सेक्टर में भम्रण करने वाले अधिकारियों के वाहनों में भी इमरजेंसी के लिए ईवीएम रखी जाएगी। जिसके चलते इनके वाहनों में भी जीपीएस लगाया जाएगा जिससे कि इनकी लोकेशन भी ट्रेस हो सके। चुनावी ड्यूटी के दौरान मतदानकर्मियों के अतिरिक्त पांच हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी मतदान दल के साथ व अतिरिक्त पेट्रोलिंग पार्टी के रूप में घूमते नजर आएंगे। ईवीएम के साथ ही करीब 16 प्रतिशत अधिकारी व कर्मचारी भी इमरजेंसी ड्यूटी पर रिजर्व स्टाफ व बल के रूप में मौजूद रहेंगे। कहीं पर जरूरत पढऩे की स्थिति में इन लोगों को भेजा जाएगा।
भोपाल जाएगी रिजर्व ईवीएम
मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले ही दिन रिजर्व में बची ईवीएम व वीवीपेट मशीनों को जीपीएस लगे वाहन में डालकर भोपाल स्थित मुख्य निर्वाचन कार्यालय में भेज दिया जाएगा। वहीं अन्य मशीन को मतदान दल के लौटने के बाद जिला मुख्यालय पर बने स्ट्रांग रूम में रखकर उसे सील कर दिया जाएगा। उसके बाद स्ट्रांग रूम मतगणना के दिन खोले जाएंगे।
मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले ही दिन रिजर्व में बची ईवीएम व वीवीपेट मशीनों को जीपीएस लगे वाहन में डालकर भोपाल स्थित मुख्य निर्वाचन कार्यालय में भेज दिया जाएगा। वहीं अन्य मशीन को मतदान दल के लौटने के बाद जिला मुख्यालय पर बने स्ट्रांग रूम में रखकर उसे सील कर दिया जाएगा। उसके बाद स्ट्रांग रूम मतगणना के दिन खोले जाएंगे।