सैलाना व आलोट विधायक की जीद पर राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सैलाना व ताल के प्रसुति केंद्र को उन्नत करने का निर्णय लिया है। अब तक डिलेवरी के लिए गंभीर होने पर प्रसुताओं को इन केंद्र से रतलाम रेफर किया जाता है, लेकिन आने वाले दिनों में ये पुरानी बात हो जाएगी। निजी अस्पताल की तरह यहां पर प्रसव केंद्र को बनाने के लिए दो दिन के प्रशिक्षण की शुरुआत सोमवार से भोपाल में हुई है। सैलाना व ताल के बीएमओ के अलावा सीएचएमओ भी शामिल हुए।
पहले जाने क्यों हो रहा अचानक
सैलाना के स्वास्थ्य केंद्र पर स्थानीय महिलाओं के अलावा आसपास के 45 ग्राम पंचायत व ताल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थानीय के अतिरिक्त आसपास के 47 ग्राम पंचायत की गर्भवती महिलाएं प्रसुती के लिए आती है। इन दोनों स्थान पर फिलहाल महिला चिकित्सक नहीं है व ये कार्य नर्स करवाती है। अपने घोषणा पत्र में स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य केंद्र की दशा को सुधारने का वादा विधानसभा चुनाव के समय तत्कालीन प्रत्याशियों ने किया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसको अपनी प्राथमिकता में लिया था।
सैलाना के स्वास्थ्य केंद्र पर स्थानीय महिलाओं के अलावा आसपास के 45 ग्राम पंचायत व ताल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थानीय के अतिरिक्त आसपास के 47 ग्राम पंचायत की गर्भवती महिलाएं प्रसुती के लिए आती है। इन दोनों स्थान पर फिलहाल महिला चिकित्सक नहीं है व ये कार्य नर्स करवाती है। अपने घोषणा पत्र में स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य केंद्र की दशा को सुधारने का वादा विधानसभा चुनाव के समय तत्कालीन प्रत्याशियों ने किया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसको अपनी प्राथमिकता में लिया था।
इस तरह होगा लाभ
निजी अस्पताल की तरह चिकित्सक, नर्स, बेड, सोनोग्राफी मशीन सहित अन्य सभी संसाधन इन दोनों स्थान पर आने वाले समय में उपलब्ध होंगे। इसके लिए ही दो दिन के प्रशिक्षण देने अधिकारियों को भोपाल बुलवाया गया।अधिकारियों के अनुसार इससे बड़ा लाभ ये होगा की गर्भवती विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था की शुरुआत से ही बेहतर उपचार मिल सकेगा। इससे न तो कुपोषित शिशु का जन्म होगा नहीं माता के स्वास्थ को लेकर कोई खतरा होगा।
निजी अस्पताल की तरह चिकित्सक, नर्स, बेड, सोनोग्राफी मशीन सहित अन्य सभी संसाधन इन दोनों स्थान पर आने वाले समय में उपलब्ध होंगे। इसके लिए ही दो दिन के प्रशिक्षण देने अधिकारियों को भोपाल बुलवाया गया।अधिकारियों के अनुसार इससे बड़ा लाभ ये होगा की गर्भवती विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था की शुरुआत से ही बेहतर उपचार मिल सकेगा। इससे न तो कुपोषित शिशु का जन्म होगा नहीं माता के स्वास्थ को लेकर कोई खतरा होगा।
ये बताया प्रशिक्षण में सैलाना व ताल के बीएमओ क्रमश: डॉ. प्रकाश विष्णु व डॉ. कमलकिशौर के साथ दो दिन के प्रशिक्षण में सीएचएमओ डॉ. प्रभाकर ननावरे भी साथ गए। इनको पूरी तैयारी के साथ आने को कहा गया था। इस दौरान आसपास के गांव की जानकरी, अब तक कितनी महिलाएं विशेषकर गर्भवती महिलाएं उपचार के लिए आई इसका भी तीन वर्ष का रिकार्ड मंगवाया गया था। प्रसव गुणवत्ता के साथ हो, प्रसव के बाद स्वास्थ्य बेहतर रहे इन सब की जानकारी भी दी गई।
इस तरह होगा लाभ
दो दिन का प्रशिक्षण सोमवार से शुरू हुआ। संसाधन आदि की जानकारी मांगी। इसके लिए कुछ अतिरिक्त तैयारी हमारी तरफ से होगी। इसके बाद स्टेट मेडिकल की टीम आएगी व निरीक्षण करेगी। सब कुछ सही रहा तो तीन से चार माह में दोनों केंद्र उन्नत होने की शुरुआत हो जाएगी। इससे आसपास के जुडे़ करीब डेढ़ लाख लोगों को लाभ होगा।
दो दिन का प्रशिक्षण सोमवार से शुरू हुआ। संसाधन आदि की जानकारी मांगी। इसके लिए कुछ अतिरिक्त तैयारी हमारी तरफ से होगी। इसके बाद स्टेट मेडिकल की टीम आएगी व निरीक्षण करेगी। सब कुछ सही रहा तो तीन से चार माह में दोनों केंद्र उन्नत होने की शुरुआत हो जाएगी। इससे आसपास के जुडे़ करीब डेढ़ लाख लोगों को लाभ होगा।
– डॉ. पी ननावरे, सीएचएमओ, जिला अस्पताल रतलाम