वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं सतीष पुरोहित
कांग्रेस नेता और एडवोकेट सतीष पुरोहित पार्टी में काफी वरिष्ठ नेता हैं। रतलाम नगर निगम की पहली परिषद में वे पार्षद के रूप में चुनकर आए थे और उसी परिषद में उपमहापौर बने थे। उस समय महापौर के पद पर जयंतीलाल जैन को चुना गया था। पेशे से एडवोकेट पुरोहित का आज भी कांग्रेस में उनका दखल है। इनके पिता कैलाशचंद्र पुरोहित भी अपने समय के नामी एडवोकेट रहे हैं। पुरोहित ने बताया उनके पुत्र जिसने घर से भागकर प्रेम विवाह किया है उसने भी लॉ कर लिया है और सनद के लिए आवेदन कर दिया है।
कांग्रेस नेता और एडवोकेट सतीष पुरोहित पार्टी में काफी वरिष्ठ नेता हैं। रतलाम नगर निगम की पहली परिषद में वे पार्षद के रूप में चुनकर आए थे और उसी परिषद में उपमहापौर बने थे। उस समय महापौर के पद पर जयंतीलाल जैन को चुना गया था। पेशे से एडवोकेट पुरोहित का आज भी कांग्रेस में उनका दखल है। इनके पिता कैलाशचंद्र पुरोहित भी अपने समय के नामी एडवोकेट रहे हैं। पुरोहित ने बताया उनके पुत्र जिसने घर से भागकर प्रेम विवाह किया है उसने भी लॉ कर लिया है और सनद के लिए आवेदन कर दिया है।
12 को भागे और 13 को विवाह
तरुण और उनकी पत्नी निहारिका ने डीआईजी गौरव राजपूत को सुरक्षा के लिए दिए आवेदन में कहा कि वे 12 तारीख को घर से भागे थे और 13 को इंदौर में आर्य समाज में उन्होंने विधिवत रूप से विवाह कर लिया। विवाह करने के चार दिन बाद बुधवार को पति तरुण और पत्नी निहारिका दोपहर में डीआईजी गौरव राजपूत के कार्यालय पहुंचे। युवती निहारिका का कहना है कि उन्हें उनके पिता और भाई ने धमकी दी है। इसलिए वे डीआईजी से सुरक्षा की मांग करने पहुंचे हैं। इस दौरान सतीष पुरोहित व अन्य लोग भी उनके साथ थे।
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तरुण और उनकी पत्नी निहारिका ने डीआईजी गौरव राजपूत को सुरक्षा के लिए दिए आवेदन में कहा कि वे 12 तारीख को घर से भागे थे और 13 को इंदौर में आर्य समाज में उन्होंने विधिवत रूप से विवाह कर लिया। विवाह करने के चार दिन बाद बुधवार को पति तरुण और पत्नी निहारिका दोपहर में डीआईजी गौरव राजपूत के कार्यालय पहुंचे। युवती निहारिका का कहना है कि उन्हें उनके पिता और भाई ने धमकी दी है। इसलिए वे डीआईजी से सुरक्षा की मांग करने पहुंचे हैं। इस दौरान सतीष पुरोहित व अन्य लोग भी उनके साथ थे।
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कोई आपत्ति नहीं है विवाह पर
बेटा और उसकी पत्नी बालिग है इसलिए उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। मुझे आज ही इनके विवाह के बारे में पता चला जब डीआईजी कार्यालय में ये लोग गए और वहां से मेरे पास दूरभाष पर सूचना आई कि उन्हें कोई आपत्ति है क्या। मैं दोपहर करीब ढाई बजे डीआईजी कार्यालय पहुंचा और कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है। दोनों बालिग हैं और कानून के हिसाब से इन्हें अपना निर्णय करने का अधिकार है। मैंंने बेटे और बहू को सुखी जीवन का आशीर्वाद भी दिया है।
सतीष पुरोहित, एडवोकेट और तरुण के पिता
बेटा और उसकी पत्नी बालिग है इसलिए उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। मुझे आज ही इनके विवाह के बारे में पता चला जब डीआईजी कार्यालय में ये लोग गए और वहां से मेरे पास दूरभाष पर सूचना आई कि उन्हें कोई आपत्ति है क्या। मैं दोपहर करीब ढाई बजे डीआईजी कार्यालय पहुंचा और कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है। दोनों बालिग हैं और कानून के हिसाब से इन्हें अपना निर्णय करने का अधिकार है। मैंंने बेटे और बहू को सुखी जीवन का आशीर्वाद भी दिया है।
सतीष पुरोहित, एडवोकेट और तरुण के पिता