जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से संबद्ध 102 प्राथमिक साख सहकारी सोसाइटियों ेसे जुड़े किसानों को ख्ररीफ व रबी फसल के लिए केसीसी पर जीरो प्रतिशत ब्याज पर अल्प अवधि ऋण प्रदान की किया गया था। इस ऋण को अदा करने की अंतिम तिथि 28 मार्च थी। इस दौरान कई किसान अपना ऋण जमा नहीं करा पाए थे। ऐसे में कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने ऋण जमा करने की तारीख 30 अप्रैल तक बढ़ा दी थी। इसके बाद कोरोना संक्रमण के चलते कृषि उपज मंडियां बंद रहने से किसान अपनी उपज को नहीं बेच पाए थे। इसके चलते सरकार ने ऋण जमा करने की तारीख 31 मई कर दी थी। इधर सरकार ने सहकारी सोसाइटियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना व मसूर की खरीदी की थी।गेहूं की खरीदी 31 मई तक व चना मसूर की खरीदी 15 जून तक चली। इसके चलते सरकार ने ऋण जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून कर दी थी। ताकि किसानों को जीरो प्रतिशत योजना का लाभ मिल सके।
फैक्ट फाइल
102 सोसाइटियों में पंजीकृत किसान- एक लाख १२ हजार
अल्पकालीन ऋण के किसान- 60 हजार
अल्पकालीन ऋण की बकाया राशि- 675 करोड़
अब तक अल्पकालीन ऋण जमा कराने वाले किसान- करीब 47000
अब तक जमा ऋण- करीब 475 करोड़
अल्पकालीन ऋण जमा कराने में शेष किसान- लगभग 13 हजार
इन किसानों पर बकाया राशि- करीब 200 करोड़
102 सोसाइटियों में पंजीकृत किसान- एक लाख १२ हजार
अल्पकालीन ऋण के किसान- 60 हजार
अल्पकालीन ऋण की बकाया राशि- 675 करोड़
अब तक अल्पकालीन ऋण जमा कराने वाले किसान- करीब 47000
अब तक जमा ऋण- करीब 475 करोड़
अल्पकालीन ऋण जमा कराने में शेष किसान- लगभग 13 हजार
इन किसानों पर बकाया राशि- करीब 200 करोड़
अल्पकालीन खरीफ व रबी फसल पर केसीसी से जीरो प्रतिशत ब्याज पर लिया ऋण जमा करके अंतिम तिथि 30 जून है। ऐसे में किसानों को उक्त ऋण समय पर जमा कर सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए। किसान विभिन्न सुविधाओं से वंचित न रहे इसलिए तीन बार तारीख बढ़ाई है। समय पर ऋण जमा नहीं करने पर डिफाल्टर होने का खतरा बना रहेगा।
– आलोक जैन, महाप्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रतलाम