नई नीति में जिले में रेत खदानों का संचालन जारी रहेगा
राज्य शासन ने नई नीति के अनुसार जिले में रेत खदानों के संचालन के लिये सभी वैधानिक अनुमतियां प्राप्त करने में लगने वाले समय को देखते हुए निजी भूमि पर उपलब्ध रेत खदानों और ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित रेत खदानों को पूर्व की भांति निरंतर संचालित रखे जाने का निर्णय लिया है। जिन निजी भूमि एवं ग्राम पंचायतों की रेत खदानों को मानसून अवधि में प्रतिबंध लगने के पूर्व 30 जून के पूर्व पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हो गई थी, ऐसी सभी खदानों को तत्काल संचालित करने के प्रस्ताव भेजने के निर्देश प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग नीरज मण्डलोई ने जिला कलेक्टर्स को दे दिए है।
राज्य शासन ने नई नीति के अनुसार जिले में रेत खदानों के संचालन के लिये सभी वैधानिक अनुमतियां प्राप्त करने में लगने वाले समय को देखते हुए निजी भूमि पर उपलब्ध रेत खदानों और ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित रेत खदानों को पूर्व की भांति निरंतर संचालित रखे जाने का निर्णय लिया है। जिन निजी भूमि एवं ग्राम पंचायतों की रेत खदानों को मानसून अवधि में प्रतिबंध लगने के पूर्व 30 जून के पूर्व पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हो गई थी, ऐसी सभी खदानों को तत्काल संचालित करने के प्रस्ताव भेजने के निर्देश प्रमुख सचिव, खनिज साधन विभाग नीरज मण्डलोई ने जिला कलेक्टर्स को दे दिए है।
खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में नई नीति के अनुसार रेत खदानों की निविदा के लिये बड़ी संख्या में इच्छुक निविदाकार तैयारी कर रहे हैं। नई नीति से प्रदेश को रेत से 464 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से अधिक राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जन-सामान्य को रेत प्राप्त करने में दिक्कत न हो, इसे ध्यान में रखते हुए पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त निजी भूमि की रेत खदानों और ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित रेत खदानों को अब चालू रखे जाने का निर्णय भी लिया गया है।