समाज में एसटीएससी एक्ट के बाद हुए विभाजन के प्रभाव को कम करने, विधानसभा क्षेत्र के प्रभावी लोगों के बीच जाकर संपर्क करने का कार्य इन दिनों दोनों विधानसभा क्षेत्र में संघ के स्वयं सेवक कर रहे है। इसके लिए अंशकालिनके साथ-साथ पूर्णकालिक स्वयं सेवकों को संघ ने लगाया है। ये स्वयं सेवक दोनों विधानसभा सीट के अलग-अलग गांव में जाकर प्रबुद्धवर्ग से मिल रहे है।
2019 के लिए तैयारी संघ के अनुसार वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। इसके लिए ही इन स्वयं सेवकों को उतारा गया है इसके अलावा भाजपा ने जो टिकट वितरण किए है, उन प्रत्याशियों की पृष्ठभूमि भी संघ की है। एेसे में एक पंथ दो काज आरएसएस कर रहा है। बताया जाता है कि ये स्वयं सेवक सुबह किसी भी गांव के चिकित्सक, पंच, सरपंच के साथ-साथ गांव के बडे़ व्यक्ति के पास पहुंचते है व जनसंपर्क बढ़ाकर राष्ट्रहित किस में है, क्यों अन्य दल के मुकाबले भाजपा जरूरी है आदि विषय की बात कर रहे है।
उपचुनाव में हुई पराजीत बता दे कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में रतलाम संसदीय सीट से भाजपा चुनाव जीती थी। सांसद दिलीपसिंह भूरिया की मृत्यु के बाद उपचुनाव हुआ व कांगे्रस की जीत हुई। इस जीत में बड़ी भूमिका रतलाम ग्रामीण व सैलाना विधानसभा सीट की रही। इसके बाद से ही संघ की नजर इन दोनों सीट पर है। इसके लिए विधानसभा चुनाव आते ही स्वयंसेवक गांव-गांव भेजे जा रहे है।
गठन के साथ ही ये उद्देश्य राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का गठन ही हिंदू एकसुत्र में बंधे इसके लिए हुआ था। सामाजीक समरसता व समाज में एकता के हम प्रबल पक्षधर है। कुछ समय से समाज को विघटन करने के जो प्रयास हो रहे है, समाज में जो विभाजन हो रहा है, उसको रोकने के लिए हमारे स्वयं सेवक लगातार कार्य कर रहे है।
– डॉ. रत्नदीप निगम, विभाग प्रचार प्रमुख, आरएसएस