आटो और मैजिक चालकों ने हड़ताल रखते हुए किसी भी सवारी को रेलवे स्टेशन तक नहीं छोडऩे और स्टेशन से गंतव्य तक नहीं ले जाने का निर्णय किया था। दोपहर में ट्रेन आने के बाद कुछ आटो और मैजिक चालकों ने सवारियां बैठा ली तो दिलबहार चौराहे के यहां हड़ताली आटो और मैजिक चालकों ने उनके वाहनों को रोक लिया और सवारियां उतार दी। सवारियां उतारने से महिलाएं और बच्चे खासे परेशान होते रहे। सफर करके आने से उनके साथ लगेज भी था जिसे उठाने में उन्हें पसीने छूट गए। ऊपर से उमस भरे वातावरण से उनकी परेशानी और बढ़ गई थी। इसे लेकर भी दिलबहार चौराहे पर विवाद की स्थिति बन गई थी। इसी बीच पार्र्किंग के कर्मचारियों द्वारा आटो और मैजिक चालकों को धमकाने से मामला दूसरी तरफ डायवर्ट हो गया।
रसीद में दो घंटे के १० रुपए
स्टेशन पर जाने वाले आटो चालकों से हर बार जाने पर १० रुपए शुल्क वसूला जा रहा है। चाहे वह १० मिनट बाद ही पहुंचे तो भी उन्हें १० रुपए देना ही पड़ते हैं। नहीं देने पर विवाद की स्थिति बन जाती है। उन्हें दी जा रही रसीद में दो घंटे के लिए १० रुपए चार्ज लिखा हुआ आ रहा है। यही विवाद का कारण बना। आटो और मैजिक चालकों का कहना है कि हर बार १० रुपए पार्र्किंग और पांच रुपए प्रीपेड पर्ची के देने पर १५ रुपए तो यहीं दे दें तो फिर सवारी से ली गई राशि में से कुछ नहीं बचता है। सवारियों से ज्यादा राशि लें तो विवाद की स्थिति निर्मित होती है। ऐसे में हम गरीब आटो चालक कैसे अपने परिवार का पालन-पोषण करें।
धमकी के बाद मामला बढ़ा
आटो चालकों की तरफ से अकील खान और मैजिक एसोसिएशन की तरफ से राजकुमार जैन लाला भी थाने पहुंचे। इनका कहना है कि पार्र्किंग के कर्मचारी रवि मीणा और छोटू मीणा ने आटो चालकों के साथ झूमाझटकी कर जान से मारने की धौंस दी। उनका कहना है कि चिंगीपुरा निवासी फिरदौस और राजकुमार जैन को भी पार्र्किंग के कर्मचारी रवि ने जान से मारने की धौंस दी और कहा कि वह वाहन स्टेशन पर नहीं लाए वरना ठीक नहीं होगा। इनके साथ बड़ी संख्या में आटो चालक स्टेशन रोड थाने पहुंचे। इसके पहले इन लोगों ने स्टेडियम के पास बैठक की। बैठक के दौरान पार्र्किंग ठेकेदार के कुछ लोगों ने आकर उन्हें दोबारा धमकाया। इससे मामला बढ़ गया और दोनों पक्ष स्टेशन रोड थाने पर अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। यहां समझाइश के बाद सभी लौटे।