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19 वर्ष बाद बनेगा संयोग: 2023 में अधिक मास के कारण ढाई माह का रहेगा श्रावण

locationरतलामPublished: Jun 24, 2022 05:31:46 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

महाकाल की 7 से अधिक सवारियां भी निकलेंगी

19 वर्ष बाद बनेगा संयोग: 2023 में अधिक मास के कारण ढाई माह का रहेगा श्रावण

19 वर्ष बाद बनेगा संयोग: 2023 में अधिक मास के कारण ढाई माह का रहेगा श्रावण

रतलाम. उज्जैन. वर्ष 2023 में अधिकमास के कारण ढाई माह का सावन मास रहेगा। इस कारण बाबा महाकाल की सवारियां 7 से अधिक निकलेंगी। करीब 19 वर्ष बाद इस तरह का संयोग बन रहा है। बता दे कि सावन माह में उज्जैन के साथ – साथ रतलाम के श्री गढ़कैलाश महादेव की सवारी भी निकलती है।
उज्जैन के ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया कि अधिक मास 2023 (ईसवी संवत 2080) में आ रहा है। 19 वर्ष के अंतर पर अधिक मास की पुनरावृत्ति होती है। इस वजह से ढाई मास तक बाबा महाकाल की सवारियां निकलेंगी। पं. व्यास ने बताया कि बीते समय में विक्रम संवत 1947, 1966, 1985, 2004, 2015, 2023, 2042 व 2080 में श्रावण मास में अधिक मास रहेगा। श्रावण अधिकमास होने पर ढाई मास में प्रत्येक सोमवार को महाकालेश्वर की सवारी निकलेगी। इस प्रकार 2023 में 7 से अधिक अर्थात 10 सवारियां निकाली जाएंगी।
2023 में कब-कब निकलेंगी बाबा की सवारियां

प्रथम सवारी 10 जुलाई को, दूसरी 17, तीसरी 24, चौथी 31 जुलाई, पांचवी 7 अगस्त, छठी 14, सातवीं 21, आठवीं 28 अगस्त, नवीं 4 सितंबर को निकाली जाएगी। इसके बाद 11 सिंतबर को शाही सवारी निकाली जाएगी।
श्रावण अधिक मास में हुई थी देश को स्वराज्य प्राप्ति

पं. व्यास ने बताया कि भारत को स्वराज्य की प्राप्ति श्रावण अधिकमास में हुई थी। द्वितीया श्रावण कृष्ण पक्ष 13-14 की मध्य रात्रि में 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था। इसी प्रकार हिंदी तिथि के अनुसार प्राय: 19वें वर्ष स्वातंत्रयोत्सव का संयोग बनता है। अर्थात 1947, 1966, 1985, 2004 के बाद 19वें वर्ष में श्रावण अधिकमास 2023 में आएगा। यानी अगले साल स्वतंत्रता दिवस पर जो हिंदी पंचांग की तिथि अनुसार 15 अगस्त का संयोग 19 साल बाद बनने जा रहा है।
इसलिए है अधिक महत्व

रतलाम के ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने बताया महादेव और महादेवी को प्रसन्न करने का पर्व सावन माह से बेहतर और कुछ नहीं है। इस माह में किए गए अभिषेक से मनोकामना पूरी होती है। रतलाम में सावन माह में श्री गढ़कैलाश महादेव की सवारी तो निकलती ही है इसके साथ – साथ जिलेभर के महादेव मंदिर में विशेष आयोजन होते है।
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