बैठक में जनजाति सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों ने पूर्व एवं वर्तमान विधायकों को बताया कि जनजाति सुरक्षा मंच का एक ही लक्ष्य है कि जो जनजाति समाज को छोड़कर अन्य धर्म स्वीकार कर नौकरी कर रहे है। ऐसे सभी लोगों को डीलिस्टिंग कर उन्हें शासकीय सेवा से पृथक किया जाना चाहिए।
रैली में शामिल होने के लिए गांव-गांव और घर-घर जाकर जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ता आमंत्रण दे रहे हैं। इस दौरान वे जनजाति समाज के लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि जिले की दर्जनों ग्राम पंचायत ने डीलिस्टिंग के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित किया है।
जनजाति सुरक्षा मंच की तैयारियों को लेकर बैठक में कलसिंह भाभर, रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, पूर्व विधायक सैलाना संगीता चारेल, पूर्व विधायक मथुरालाल डामोर, नारायण मईडा, रूपचंद मईडा, कैलाश वसुनिया, मांगीलाल खराड़ी, प्रदीप उपाध्याय, गोविंद डामोर, परमेश मईडा, शंभू सिंह, दीपक निनामा, पीरुलाल निनामा, रमेश मईडा मौजूद थे।