मिली जानकारी के अनुसार, नयाबाजार निवासी गोपाल उर्फ पप्पू पिता शंकरलाल सोनी 39 अन्य लोगों की तरह ही शनिवार को क्षिप्रा नदी में प्रतिमा विसर्जन के लिए अपने दो बच्चों के साथ बाइक से गया था। बताया जाता है कि प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन के लिए क्षिप्रा नदी में पुराने पुल पर व्यवस्था की थी और किसी को इससे आगे जाने की अनुमति नहीं थी। गोपाल सोनी बाइक से प्रतिमा विसर्जन के लिए गए थे और वो नदी के दूसरे किनारे स्थित दसवां घाट पर पहुंचा और वहां पर प्रतिमा विसर्जन के बाद पानी में नहाने के लिए उतरा था। उसके दोनों बच्चे किनारे पर ही बैठे थे। युवक के बाहर नहीं निकलने की जानकारी लगने के बाद पुलिस और बचाव दल को सूचना दी।
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गोताखोरों ने किया प्रयास
गोताखोर और ग्रामीण नदी में डूबे गोपाल को ढूंढने के लिए लगाए गए। काफी प्रयास करने के बाद भी युवक का कोई पता नहीं लग सका। अंधेरा होने से युवक को ढूंढने के लिये चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह तक के लिए रोक दिया गया है। थाना प्रभारी नीरज सारवन ने बताया कि, जो युवक पानी में डूबा है वो नहाने के लिए नदी में उतरा था। नहाने के दौरान संभवत गहरे पानी में चले जाने से वो डूब गया। गोताखोर टीम उसकी खोजबीन में जुटी हैं, फिलहाल अंधेरा होने से रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा है। रविवार की सुबह फिर से ढूंढने का काम शुरू किया जाएगा।
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क्षिप्रा नदी में होता है विसर्जन
आलोट में नवदुर्गोत्सव में झांकिया बनाई जाती है और घटस्थापना की जाती है। दुर्गा प्रतिमाों का विसर्जन वर्षों से क्षिप्रा नदी में ही किया जाता रहा है। दशहरे के अगले दिन यह आयोजन आलोट में धूमधाम से किया जाता है। इस बार कोरोना की वजह से सीमित संख्या में लोगों को विसर्जन में जाने की अनुमति दी गई थी फिर भी ये हादसा हो गया।
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