पत्रिका ने दोपहर 3.34 बजे जब मामले की पड़ताल की तो स्थिति स्पष्ट थी। पीकअप में किसान का माल सीधे मंडी में आता है, सौदा होता है और वहीं सीधे कट्टे वाहनों से उतारकर तौल भी वहीं शुरू कर दिया। समीप ही एक व्यक्ति तुलावटी नहीं होते हुए भी तौल कट्टों का वजन करना शुरू कर देता है। जब पत्रिका टीम ने मौके पर पहुंचकर उक्त व्यक्तियों से पूछा तो एक अपने आप को किसान बताते हुए कहना लगा कि मेरा नाम सलमान है और मैं ग्राम नायन का किसान हूं। जब उससे पूछा की नीलाम हो गया, तो उसका कहना था कि नहीं सीधा मैने ही माल खरीदा है, नीलाम नहीं हुआ। वहीं समीप है बैठे तौल करते हुए व्यक्ति से जब उसने अपना नाम इमरान बताते हुए कहा कि मैं तुलावटी नहीं हूं, इनका माल तौल रहा है।
व्यापारी पहले भी जता चुके आक्रोश
सैलाना बस स्टैंड सब्जी-लहसुन-प्याज मंडी में नीलामी शुरू होने के पूर्व यह आम बात हो गई है। कोई भी किसान एक-दो कट्टे या फिर वाहन लेकर जैसे ही मंडी में प्रवेश करता है, व्यापारी बन खेरची-हम्माल वाहनों के समीप पहुंच जाते है और सौदे-बाजी शुरू हो जाती है। ओने-पोने दाम में उपज खरीदने के बाद वहीं सौदेबाज मंडी परिसर में बड़ा ढेर लगाकर किसी को खड़ाकर नीलाम भी करवा देते है। यह सब हर दिन होता मंडी कर्मचारियों के सामने, इस सौदेबाजी का तो कई बार व्यापारी भी विरोध कर चुके हैं। यहां तक की उन्होंने कई बार इन लोगों को सौदा करते हुए पकड़ा और रोका भी, लेकिन जब जिम्मेदारों का वृहद हस्त प्राप्त हो तो धंधा कैसे बंद हो।
सैलाना बस स्टैंड सब्जी-लहसुन-प्याज मंडी में नीलामी शुरू होने के पूर्व यह आम बात हो गई है। कोई भी किसान एक-दो कट्टे या फिर वाहन लेकर जैसे ही मंडी में प्रवेश करता है, व्यापारी बन खेरची-हम्माल वाहनों के समीप पहुंच जाते है और सौदे-बाजी शुरू हो जाती है। ओने-पोने दाम में उपज खरीदने के बाद वहीं सौदेबाज मंडी परिसर में बड़ा ढेर लगाकर किसी को खड़ाकर नीलाम भी करवा देते है। यह सब हर दिन होता मंडी कर्मचारियों के सामने, इस सौदेबाजी का तो कई बार व्यापारी भी विरोध कर चुके हैं। यहां तक की उन्होंने कई बार इन लोगों को सौदा करते हुए पकड़ा और रोका भी, लेकिन जब जिम्मेदारों का वृहद हस्त प्राप्त हो तो धंधा कैसे बंद हो।
ऐसा फल-फूल रहा धंधा
बतां दे किन मंडी में किसानों से नीलामी के पहले ही कुछ चंद लोग सौदा करके ओनेे-पोने दाम में लहसुन-प्याज खरीद लेते हैं। इसके बाद जो माल खरीदा है, हलके-पतले माल का आला-पाला करके बड़ा ढेर बनाया जाता है। इसके बाद इस ढेर पर किसान के रूप में किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा करके नीलाम करवाया दिया जाता है। अधिक दाम मिलने पर बैच दिया जाता है, जिससे सीधे पहले किसान को फिर बाद में व्यापारी को भी नुकसान उठाना पड़ता है।
बतां दे किन मंडी में किसानों से नीलामी के पहले ही कुछ चंद लोग सौदा करके ओनेे-पोने दाम में लहसुन-प्याज खरीद लेते हैं। इसके बाद जो माल खरीदा है, हलके-पतले माल का आला-पाला करके बड़ा ढेर बनाया जाता है। इसके बाद इस ढेर पर किसान के रूप में किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा करके नीलाम करवाया दिया जाता है। अधिक दाम मिलने पर बैच दिया जाता है, जिससे सीधे पहले किसान को फिर बाद में व्यापारी को भी नुकसान उठाना पड़ता है।
किसानों के साथ ठगी हो रही
चालू मंडी के अंदर इस प्रकार से खेरची व्यापारी व्यापार करके नीलाम पर लगाते वह गलत है। इससे मंडी बिगड़ती है और किसानों के साथ ज्यादती होती है। इस पर रोक लगना चाहिए। किसानों के साथ सीधे ठगी हो रही है। व्यापारी द्वारा अगर नीलामी में किसान का उपज की बोली लगाकर खरीदी जाएगी तो, उसे अच्छे भाव मिलेगे। व्यापारियों का व्यापार खत्म हो रहा है। इस संबंध में कई बार मंडी के जिम्मेदारों को लिखा, लेकिन कोई उचित कार्यवाही नहीं की। जो व्यापार मंडी में फल-फूल रहा उससे मंडी की बदनामी होती है, और व्यापारी फंसता है।
मोतीलाल बाफना, अध्यक्ष व्यापारी लहसुन-मिर्च व्यापारी संघ, सैलाना बस स्टैंड मंडी
चालू मंडी के अंदर इस प्रकार से खेरची व्यापारी व्यापार करके नीलाम पर लगाते वह गलत है। इससे मंडी बिगड़ती है और किसानों के साथ ज्यादती होती है। इस पर रोक लगना चाहिए। किसानों के साथ सीधे ठगी हो रही है। व्यापारी द्वारा अगर नीलामी में किसान का उपज की बोली लगाकर खरीदी जाएगी तो, उसे अच्छे भाव मिलेगे। व्यापारियों का व्यापार खत्म हो रहा है। इस संबंध में कई बार मंडी के जिम्मेदारों को लिखा, लेकिन कोई उचित कार्यवाही नहीं की। जो व्यापार मंडी में फल-फूल रहा उससे मंडी की बदनामी होती है, और व्यापारी फंसता है।
मोतीलाल बाफना, अध्यक्ष व्यापारी लहसुन-मिर्च व्यापारी संघ, सैलाना बस स्टैंड मंडी
बीच में इसी बंद करवा दिया था
अभी ऐसा तो कुछ सुनने में नहीं आया है, अगर ऐसा होता है तो दिखवाता हूं। खेरची खरीदी वाला मामला हो सकता है, बीच में इसे बंद करवाया दिया था। कल मैं खुद देखता हूं।
राजेंद्रकुमार व्यास, मंडी प्रांगण प्रभारी, सैलाना बस स्टैंड, मंडी
अभी ऐसा तो कुछ सुनने में नहीं आया है, अगर ऐसा होता है तो दिखवाता हूं। खेरची खरीदी वाला मामला हो सकता है, बीच में इसे बंद करवाया दिया था। कल मैं खुद देखता हूं।
राजेंद्रकुमार व्यास, मंडी प्रांगण प्रभारी, सैलाना बस स्टैंड, मंडी