अधिक आवक और जल्दबाजी के चलते सुबह नीलामी के बाद मंडी प्रांगण के बड़े तौल कांटे पर दो किसानों में वाहन कांटे पर पहले लगाने के चक्कर में जमकर विवाद हुआ। अधिकांश व्यापारियों द्वारा छोटे कांटों पर तौल किया नहीं जाता है और मात्र एक तौल कांटा होने के कारण हर दिन छुटपूट विवाद होते हैं। किसानों की माने तो नीलामी के बाद व्यापारियों द्वारा बड़े तौल कांटे कहा जाता है या फिर बाहर गोडाउन पर तुलवाने का। किसान भी जल्दबाजी के चक्कर में मंडी के एक तौल कांटे पर वाहन लेकर दौड़ता है। इसी चक्कर में मंगलवार को दो किसानों के वाहन एक साथ कांटे पर चढ़ गए और टकरा गए। जिससे विवाद बढ़ गया और देखते ही देखते बड़ी मात्रा में भीड़ जमा हो गई।
सांवरिया तौल कांटा संचालक को नोटिस आखिरकार मंडी प्रशासन ने सालाखेड़ी पुलिस को बुलाया, तब जाकर मामला शांत हुआ। मंडी सहायक सचिव एसएन गोयल ने बताया कि आवक अधिक है। एक साथ तीन-तीन ट्राली की लाइन कांटे पर पहुंच रही है, उन्हे कोई रोकने वाला कर्मचारी नहीं था। इसलिए एक साथ कांटे पर चढ़ गए और विवाद हो गया था। वैसे सांवरिया तौल कांटा संचालक को नोटिस देकर कर्मचारी लगाने के लिए कहा है, ताकि विवाद न हो।
किसानों का कहना…
समीपस्थ ग्राम मथुरी के कृषक घनश्याम पाटीदार और दशरथ पाटीदार ने बताया कि मंगलवार शाम को मंडी में गेहूं की ट्राली लेकर आए है। यहां रात्रि विश्राम की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है और फिर ट्रालियों पर मच्छर भी बहुत काटते हैंं। इसलिए घर चले जाएंगे। अशोक पाटीदर, अमरसिंह ने बताया कि विश्राम गृह में जो एक कमरा, उसमें किसानों के हिसाब से ऊंट के मुंह में जीरा के समान बिस्तर रखे है। कई किसान ट्रेक्टर के साथ लेकर आए पॉलीथिन बिछाकर रात गुजराते हैं। मंडी प्रशासन को शाम के भोजन की व्यवस्था भी मंडी कैटिंन में करना चाहिए, ताकि बाहर से आने वाला किसान परेशान न हो। अधिकांश किसान चोरी के डर के कारण ट्रेक्टर पर ही रात गुजराते है।
समीपस्थ ग्राम मथुरी के कृषक घनश्याम पाटीदार और दशरथ पाटीदार ने बताया कि मंगलवार शाम को मंडी में गेहूं की ट्राली लेकर आए है। यहां रात्रि विश्राम की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है और फिर ट्रालियों पर मच्छर भी बहुत काटते हैंं। इसलिए घर चले जाएंगे। अशोक पाटीदर, अमरसिंह ने बताया कि विश्राम गृह में जो एक कमरा, उसमें किसानों के हिसाब से ऊंट के मुंह में जीरा के समान बिस्तर रखे है। कई किसान ट्रेक्टर के साथ लेकर आए पॉलीथिन बिछाकर रात गुजराते हैं। मंडी प्रशासन को शाम के भोजन की व्यवस्था भी मंडी कैटिंन में करना चाहिए, ताकि बाहर से आने वाला किसान परेशान न हो। अधिकांश किसान चोरी के डर के कारण ट्रेक्टर पर ही रात गुजराते है।