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मेडिकल कॉलेज में मॉड्युलर ऑपरेशन थिएटर बनने में छह से सात माह और

locationरतलामPublished: Nov 20, 2019 05:36:15 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

मेडिकल कॉलेज में मॉड्युलर ऑपरेशन थिएटर बनने में छह से सात माह और

मेडिकल कॉलेज में मॉड्युलर ऑपरेशन थिएटर बनने में छह से सात माह और

मेडिकल कॉलेज में मॉड्युलर ऑपरेशन थिएटर बनने में छह से सात माह और

रतलाम। शासकीय स्वशासी मेडिकल कॉलेज रतलाम में खुलने वाले 750 बेड के अस्पताल में चार माह से ज्यादा समय तक संशोधनों के बाद अब इसे हैंडओवर कर दिया गया है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज का पूरा परिसर हैंडओवर हो चुका है और अब से इसका संधारण लोक निर्माण विभाग के जिम्मे ही रहेगा। अस्पताल भवन हैंडओवर होने के बाद भी अगले सत्र से पहले यहां ओपीडी (मरीजों के इलाज) की सुविधा शुरू नहीं हो पाएगी। माना जा रहा है कि अगसे सत्र से जब नया बैच यहां पढ़ाई करने आएगा तब ही इस अस्पताल में ओपीडी शुरू हो पाएगी। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित बताते हैं कि अस्पताल में माड्युलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी) बनने में काफी वक्त लगता है इसलिए कम से कम छह से सात माह बाद ही यहां ओपीडी शुरू हो पाएगी।

कंपनियां बनाएंगी मॉड्युलर ओटी
मेडिकल कॉलेज में 10 विभागों की बनने वाली 10 मॉड्युलर ओटी का निर्माण संबंधित कंपनियां ही करेंगी और इन्हें पूरी तरह रेडी करके मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दिया जाएगा। ओटी में स्टरलाइजेशन के लिए सेंट्रल स्टरलाइजेशन यूनिट बनाई जाना हैं जिनका निर्माण भी कंपनियां ही करेंगी। सेंट्रल स्टरलाइजेशन यूनिट से आपस में ओटी जुड़़ी रहेंगी और इनमें किसी तरह के इंफेक्शन की कोई आशंका नगण्य हो जाएगी। ओटी बनाने के लिए कंपनियों से इ-टेंडरिंग हो चुकी है और कंपनियों को मेडिकल कॉलेज की तरफ से राशि भी दी जा चुकी है। अगले एक या दो माह में कंपनियां अपना काम शुरू कर देंगी।

उपकरणों का इंतजार
मेडिकल कॉलेज के अस्पताल की ओटी में लगने वाले आधुनिक उपकरणों का अभी कुछ समय और कॉलेज प्रशासन को इंतजार करना पड़ेगा। एमसीआई के मापदंडों के अनुसार आधुनिक उपकरण को खरीदने के लिए उच्चस्तर की गुणवत्ता वाली मशीनों के लिए कंपनियों के टेंडर आने के बाद इन्हें खरीदने के लिए आदेश जारी हो चुके हैं। हालांकि अभी इन उपकरणों के आने में करीब एक से डेढ़ माह का और समय लगेगा। वैसे भी माड्युलर ओटी का काम भी पूरा नहीं होने से उपकरण मंगाने को लेकर कॉलेज प्रशासन किसी जल्दबाजी में नहीं है। माना जा रहा है कि ओटी बनकर तैयार होने तक सारे उपकरण आ जाएंगे।

यह होता है सेंट्रल स्टरलाइजेशन
रतलाम मेडिकल कॉलेज में सेंट्रल स्टरलाइजेशन की सुविधा होगी। इसका फायदा यह होगा कि एक ही स्थान से सभी ओटी का स्टरलाइजेशन किया जा सकेगा। इनके लिए अलग-अलग ओटी में नहीं जाना पड़ेगा। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित के अनुसार माड्युलर ओटी में इस तरह की सुविधा भी गिनेचुने मेडिकल कॉलेजों में ही है। रतलाम मेकिल कॉलेज में भी यह सुविधा रहेगी।

हर विभाग की होगी ओटी
रतलाम में मेडिकल कॉलेज का अस्पताल शुरू होने के बाद न केवल रतलाम वरन आसपास के अन्य जिलों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलना निश्चित है। इस कॉलेज में बन रहे 750 बिस्तर के अस्पताल में हर विभाग की अपनी अलग ओटी होगी। इसका सीधा फायदा क्षेत्र के लोगों को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है। यह सुविधा आमतौर पर बड़े-बड़े सरकारी अस्पतालों में भी नहीं मिलती है।

इन विभागों में होगी ओटी
रतलाम मेडिकल कालेज में जिन विभागों में सर्जरी की जरुरत होती है उनमें ओटी बनाई जा रही है। कॉलेज में नेत्र रोग, नाक, कान-गला, स्त्री रोग के अलावा जनरल व स्पेशल सर्जरी, आर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक सर्जरी के साथ ही कार्डियक सर्जरी के लिए ओटी तैयार की जा रही है। साथ ही मेडिकल कॉलेज में भी ट्रॉमा सेंटर बनेगा जिसमें इमरजेंसी केस रखे जाएंगे। इसमें भी माड्युलर ओटी बनाई जाएगी।

यह होती है माड्युलर ओटी
किसी भी अस्पताल की माड्युलर ओटी आम ओटी से कई गुना बेहतर होती है। आपरेशन के दौरान होने वाले किसी भी तरह के इंफेक्शन से पूरी तरह मुक्त होगी। यह ओटी पूरी तरह जीवाणु मुक्त होती है और इसमें प्रवेश के लिए ही कई स्तरों पर स्टरलाइजेशन होने के बाद ही नर्स, डॉक्टर या मरीज प्रवेश कर पाएंगे। उन्हें जीवाणुओं से मुक्त करने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा जिससे इंफेक्शन का खतरा शून्य हो जाता है।

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अस्पताल हो गया हैंडओवर

मेडिकल कॉलेज का अस्पताल भवन भी हैंडओवर हो चुका है। अब पूरा परिसर हैंडओवर होकर लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आ गया है। अब से इसका मैंटेनेंस लोक निर्माण विभाग ही करेगा। जहां तक अस्पताल शुरू करने का सवाल है तो इसमें अभी कुछ वक्त और लगेगा। मॉड्युलर ओटी बनने में कम से कम छह से सात माह लगेंगे और इसके बाद ही हम यहां अस्पताल और ओपीडी शुरू कर पाएंगे।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन मेडिकल कॉलेज, रतलाम

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