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मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों ने बचाई मासूम की जिंदगी

locationरतलामPublished: Jan 18, 2019 08:53:55 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों ने बचाई मासूम की जिंदगी

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मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों ने बचाई मासूम की जिंदगी

रतलाम। छोटे बच्चों को खेलने के लिए क्या खिलौने या चीजें दी जाए इस पर हर परिवार को ध्यान देने की जरुरत है। कहीं ऐसा नहीं हो कि खेलने के लिए दी गई वस्तुएं या खिलौने ही बच्चे की जान के दुश्मन बन जाएं। कुछ ऐसा ही मामला पिछले दिनों सामने आया जब चार साल के मासूम ने खेलने घड़ी या खिलौने में लगने वाले सेल को मुंह में रखा तो वह तालु में चिपक गया। यह गनीमत रही कि समय पर परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए और उस दिन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ड्यूटी पर थे तो उन्होंने मशक्कत करके इसे सावधानी से बाहर निकाल दिया।गौरतलब है कि शहर में मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद वहां के प्रोफेसर, असोसिएट प्रोफेसर, असिसटेंट प्रोफेसरों के साथ ही जेआर और एसआर भी जिला अस्पताल में ड्यूटी दे रहे हैं। हर विभाग की एक यूनिट बनाकर इन डॉक्टरों की जिला अस्पताल में ड्यूटी लगाई जा रही है जिससे मरीजों को सहुलियत मिल सके।

Medical College, </figure> surgery , <a  href=doctors , operation , battery , hindi news , Taluka, Stick” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/01/18/rt1930_3998544-m.jpg”>मेडिकल कॉलेज की यूनिट थी उस दिन
पिछले सप्ताह आए इस केस के दौरान मेडिकल कॉलेज की सर्जिकल यूनिट की ड्यूटी जिला अस्पताल की ओपीडी में थी। यूनिट हेड और मेडिकल कॉलेज के असोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रवीणसिंह बघेल के अनुसार तालु में चिपके सेल को निकालने में जरा भी असावधानी हो जाती है तो वह बच्चे की जान पर खतरा बन सकती थी। इसलिए बड़ी सतर्कता से तालु में चिपके सेल को सफलतापूर्वक निकाला गया।

सांस की नली बंद कर सकता था सेल
डॉ. बघेल के अनुसार तालु में से सेल को निकालने के दौरान उसे मुंह से बाहर लाना आसान नहीं था क्योंकि एंडोस्कोपी की सुविधा जिला अस्पताल में नहीं है। इसलिए टीम के सदस्यों डॉ. अतुल, डॉ. देवेंद्र चौहान, डॉ. विक्रम मुजाल्दा और डॉ. अनुराग जैन से सलाह करके उस सेल को बाहर लाने की योजना बनाकर ऑपरेशन किया गया। १५ से २० मिनट की मेहनत के बाद तालु में चिपके सेल को बाहर निकाल दिया गया।
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