जिला प्रशासन हुआ या फिर कृषि विभाग के अधिकारियों का जांच दल सीजन निकलने के बाद ही सेम्पलिंग लेने पहुंचता रहा है, हाल यह है कि कृषि विभाग द्वारा पिछले माह बीज के 250 से अधिक नमूने लिए गए, जिनमें से अब तक कई सेम्पल की जांच पूर्ण होकर नहीं आई, जबकि फसलें डेढ़ से दो माह की होने आई है। ऐसे में कैसे इन पर नियंत्रण हो, और किसानों के पास सही गुणवत्ता युक्त खाद-बीज या दवाई पहुंचे। जबकि किसान इनका उपयोग कर चुका होता है। सेम्पल की जांच आने के बाद कृषि विभाग मात्र औपचारिकता मात्र नोटिस देकर मात्र रोक के निर्देश दे देता है, जब तक अधिकांश व्यापारी खाद-बीज या फिर दवाई का विक्रय कर चुके होते हैं।