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सदस्यों के सुझावों पर नहीं होता अमल

locationरतलामPublished: Aug 28, 2015 11:51:00 pm

मंडल रेल उपभोक्ता सलाहकार
समिति सदस्यों के सुझावों को रेलवे गंभीरता से नहीं लेता है। इसी का नतीजा है कि
पांच माह पूर्व 25 मार्च को हुई बैठक

Ratlam photo

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रतलाम। मंडल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति सदस्यों के सुझावों को रेलवे गंभीरता से नहीं लेता है। इसी का नतीजा है कि पांच माह पूर्व 25 मार्च को हुई बैठक में दिए सुझावों पर अब तक मंडल अधिकारियों ने अमल नही किया है। ऎसे में गुरूवार को जो बैठक हुई, उस पर अमल कब होगा, यह कोई नही जानता। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा नियुक्त सदस्य दिलीप पाटनी ने पांच माह पूर्व डेमू ट्रेन के फेरे बढ़ाने की मांग की थी, अब तक इस पर अमल नही हो पाया हैं।

किसने क्या कहा था
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के प्रतिनिधि जगमोहन वर्मा ने इंदौर-उज्ौन रेलखंड में किन्नरों की वसूली का उल्लेख किया था। मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता के प्रतिनिधि राजदीप परवाल ने जोधपुर-रतलाम को उज्ौन तक बढ़ाने का सुझाव दिया था। इंदौर के प्रदीप डफरिया ने खाद्य सामग्री की गुणवत्ता बढ़ाने के अलावा ट्रेन में टीटी उपलब्ध हो इसके सुझाव दिए थे। अब तक इस पर अमल नही हो पाया। यह एक बानगी है, इससे समझा जा सकता है कि मंडल में दिए गए सुझावों पर कितना अमल होता हैं। इसकी एक बड़ी वजह सदस्यों का मंडल की समस्या के बजाए बोर्ड से मंजूर होने वाले प्रस्तावों को लेकर आना प्रमुख हैं।

प्रस्ताव बनकर जाते हैं
मंडल के अधिकार क्षेत्र के बाहर के प्रस्तावों को रेलवे बोर्ड को भेजा जाता है। अमल की बात है, तो शीघ्र डेमू का अतिरिक्त फेरा शुरू होने वाला है। -दिलीप पाटनी, सदस्य, मंडल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति

हमारा काम सुझाव देना
सदस्यों का काम सुझाव देना हैं, अमल में ला की जिम्मेदारी मंडल में बैठे अधिकारियों की हैं। ट्रेन के विस्तार करने की योजना पर काम चल रहा हैं।-राजदीप परवाल, सांसद पतिनिधि मंडल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति
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