वहीं दूसरी और किसानों के चना, मसूर, सरसों सहित अन्य उपज के पांच करोड़ रुपए बांटने के लिए भी सरकार के पास रुपए नहीं बचे है। एेसे में समय पर भुगतान नहीं होने से किसान फिर से आक्रोशित न हो उठे उसके लिए उन्हे मनाने के लिए सरकार ने अब जिला सहकारी बैंकों से गुहार लगाई है, जिसके चलते उक्त बैंक लिमिट से राशि जारी कर भुगतान करने में लगी है, फिर भी कई किसानों को अब तक भुगतान नहीं हो सका है।
सरकार के साथ बैंक खाली
सरकार घोषणाओं के चलते बीते कुछ समय से सरकार का खजाना अब खाली हो गया है। एेसे में बीते कुछ महीनों से कर्मचारियों के वेतन बांटने में भी सरकार के पसीने छूट रहे है। हालत यह हो गई है कि जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारियों को भी वेतन नहीं मिल सका है। वहीं दूसरी और मंडी में अपनी उपज बेचने वाले किसान भी उनकी उपज बेचने के बाद भुगतान का इंतजार कर है, जो अब तक नहीं हो सका है।
आमजन भी हो रहा परेशान
किसान व कर्मचारियों के साथ ही आमजन भी इन दिनों रुपए की कमी से जूझ रहा है। बैंकों में कैश की किल्लत के चलते बडे़ भुगतान करने में बैंकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अचानक बने एेसे हालात को लेकर कोई भी कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है।
बिगड़ रहा रिकॉर्ड
जिला पंचायत में पदस्थ कुछ कर्मचारी एेसे भी है, जिनके द्वारा घर बनाने सहित अन्य कामों के लिए बैंकों से ऋण लिया गया है, लेकिन शासन से उनके खाते में वेतन जमा नहीं होने से उनकी किश्ते वह समय पर नहीं भर पा रहे है। एेसे में कुछ के चेक बाउंस होने से उन्हे हर माह पैनल्टी भी जमा कराना पड़ रही है या फिर किसी से उधार लेकर समय पर किश्त भरने की नौबत आ गई है। समय पर ऋण जमा नहीं कराने से बैंक में उक्त कर्मचारियों का रिकॉर्ड भी खराब हो रहा है। उनकी माने तो यदि यहीं हाल रहे तो भविष्य में बैंक उन्हे ऋण देने से इनकार कर देगी।
इनका कहना है
मनरेगा में मटेरियल का किया भुगतान
– सरकार ने वर्तमान में मनरेगा में हुए कार्यों में लंबे समय से अटका मटेरियल का भुगतान ठेकेदारों को किया है, जिसके चलते वेतन आने में बीते कुछ माह से लेटलतीफी हो रही है। अप्रैल का वेतन भी अब तक नहीं मिला है, जो कि जल्द सभी के खातों में जमा होने की बात कही गई है।
सोमेश मिश्रा, सीईओ, जिला पंचायत, रतलाम
——- फैक्ट फाइल
गेहूं – १२१ करोड़ ८९ लाख की उपज खरीदी
– ११८ करोड़ ९८ लाख की उपज का भुगतान किया – ०३ करीब तीन करोड़ का भुगतान करना शेष
– १०२ करोड़ ३३ लाख रुपए शासन से प्राप्त
चना, मसूर, सरसो – १२ करोड़ ४४ लाख रुपए किसानों को भुगतान – १० करोड़ ७० लाख रुपए शासन से भुगतान – ०२ करोड़ करीब की राशि का भुगतान शेष ———-