रतलाम

महिला व बालिका सुरक्षा हो पुख्ता, निजी स्कूलों पर कसाएं लगाम

महिला व बालिका सुरक्षा हो पुख्ता, निजी स्कूलों पर कसाएं लगाम

रतलामOct 13, 2018 / 12:42 pm

Sourabh Pathak

महिला व बालिका सुरक्षा हो पुख्ता, निजी स्कूलों पर कसाएं लगाम

रतलाम। शिवराज सरकार ने वैसे तो हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ किया है। बालिका व महिला सुरक्षा पर भी ध्यान देकर सख्त कानून बनाया है लेकिन फिर भी इनकी सुरक्षा को लेकर सरकार को थोड़े और कदम उठाना होंगे। इतना ही नहीं मध्यम के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती उसके बच्चों को पढ़ाने की है, लेकिन निजी स्कूलों व कोचिंग संस्थानों की फीस इतनी है कि वह चाह कर भी बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं दिला पा रहे है।
सरकार ने सब किया लेकिन निजी स्कूल व शिक्षिण संस्थाओं पर लगाम नहीं कसी, जिसके चलते आज सबसे ज्यादा अभिभावकों की जेब कट रही है, जो भी पार्टी महिला व बालिका सुरक्षा के साथ बच्चों के बेहतर भविष्य की बात करेगा, हमारा पहला वोट उसी के लिए होगा। ये चर्चा शुक्रवार को शासकीय वाणिज्य महाविद्यालय परिसर में बैठे छात्र-छात्राओं के बीच चल रही थी, जिस पर वह अपनी राय बेबाकी से रखते नजर आए।
इनका कहना है
विकास के मुद्दे पर वोट
– जो विकास की बात करेगा मेरा वोट उसे ही जाएगा। भाजपा सरकार ने काम अच्छे किए है लेकिन रोजगार को लेकर सरकार को थोड़ा और काम करने की जरूरत है। आज भी कई शिक्षित बैरोजगार घूम रहे है, यदि फिर से सरकार बनती है, उन्हे स्थायी रोजगार मिले उस और कदम उठाने होंगे। हालाकि इस सरकार के कार्यकाल में शहर में काफी विकास हुआ है।
आशुल जैन, विद्यार्थी
स्कूली शिक्षा को मजबूत करना होगा
– सरकार ने हर वर्ग के लिए किया है, सरकारी स्कूलों में शिक्षक है लेकिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। निजी स्कूलों की फीस पर कोई लगाम नहीं कस पा रहा है। एेसे में मध्यम वर्ग के लोगों को अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने सबसे बड़ी चुनौती बनती जा रही है। बच्चों के भविष्य की जो बात करेगा और शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाएगा, मेरा वोट उसे ही जाएगा।
निलेश गोयल, विद्यार्थी
महिला व बालिका सुरक्षा पर जोर
– प्रदेश में बालिका व महिला संबंधी अपराध लगातार बढ़ रहे है, उस पर नियंत्रण करना होगा। सरकार ने इस पर लगाम कसने के लिए सख्त कानून तो बनाए है, जिसके चलते दुष्कर्मियों को फांसी की सजा भी मिल रही है, लेकिन हमारी सुरक्षा पर सरकार को और ध्यान देना होगा। हमें राफेल या राष्ट्रीय मुद्दों से ज्यादा हमारी सुरक्षा की बात करने वाला चाहिए।
चार्मी राजपूत, छात्रा
शहर का मुद्दा सबसे बड़ा
– शहर में हर रोज वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन उसके हिसाब से अब तक यहां पर पार्र्किंग की व्यवस्था नहीं है। बाजार में कहीं भी जाओं तो गाड़ी खड़ी करने की बात पर विवाद की स्थिति बनती है। शहर के विकास में अब पार्र्किंग के साथ लोगों को यातायात के नियमों का पालन करना सिखाना होगा और बड़ी बिल्डींगों को तोड़कर जहां पार्र्किंग नहीं है, वहां उसे बनाना होगा।
अंजली शर्मा, छात्रा
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