कलेक्ट्रेट पहुंचे पटवारियों के जिलाध्यक्ष धु्रवलाल निनामा ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि गृहमंत्री ने बीना में दस पूर्व बयान दिया था, जिसमें किसानों को फसल बीमा के लिए हो रहे परेशानी के लिए पटवारियों को जिम्मेदार ठहराया था। उनका कहना था कि पटवारियों की गलत रिपोर्ट के कारण उन्हे परेशानी हो रही है। फसल कटाई के समय पटवारी, ग्राम सेवक और बीमा कंपनी के कर्मचारी रहते है और इन्हीं की रिपोर्ट मानी जाती है, जो इन्होंने गलत दी है।
गलत रिपोर्ट से उन्हे क्या फायदा
पटवारियों का कहना था कि कोई पटवारी कभी ये नहीं चाहता है कि किसान प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राहत राशि या मुआवजा न मिले। किसानों पर आने वाली प्राकृतिक आपदा के दौरान सबसे पहले वहीं खड़े रहते है। उन्हे मुआवजा कम मिले, इसमें उनका क्या फायदा है। शासन को लगता है कि पटवारियों द्वारा फसल की गलत रिपोर्ट तैयारी की जाती है, तो उन्हे वह इस काम से हटा दें। नहीं तो वे इसके विरोध के लिए विवश हो जाएंगे।
पटवारियों का कहना था कि कोई पटवारी कभी ये नहीं चाहता है कि किसान प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राहत राशि या मुआवजा न मिले। किसानों पर आने वाली प्राकृतिक आपदा के दौरान सबसे पहले वहीं खड़े रहते है। उन्हे मुआवजा कम मिले, इसमें उनका क्या फायदा है। शासन को लगता है कि पटवारियों द्वारा फसल की गलत रिपोर्ट तैयारी की जाती है, तो उन्हे वह इस काम से हटा दें। नहीं तो वे इसके विरोध के लिए विवश हो जाएंगे।
छवि बिगाडऩे का प्रयास
पटवारियों का कहना था कि गृहमंत्री ने उनकी छवि बिगाडऩे का प्रयास किया है। उन पर झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाए गए है, जिससे उनके व किसानों के बीच आपसी सामांजस्य बिगड़ सकता है। एेसे में सभी पटवारियों ने मांग की है कि गृहमंत्री अपने वक्तव्य को वापस ले और अपने दिए गए बयान पर प्रदेश के पटवारियों से सार्वजनिक माफी मांगे, नहीं तो अपने सम्मान की रक्षा के लिए उन्हे आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन के दौरान संघ के शैलेंद्र व्यास, अभिषेक चौरसिया सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
पटवारियों का कहना था कि गृहमंत्री ने उनकी छवि बिगाडऩे का प्रयास किया है। उन पर झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाए गए है, जिससे उनके व किसानों के बीच आपसी सामांजस्य बिगड़ सकता है। एेसे में सभी पटवारियों ने मांग की है कि गृहमंत्री अपने वक्तव्य को वापस ले और अपने दिए गए बयान पर प्रदेश के पटवारियों से सार्वजनिक माफी मांगे, नहीं तो अपने सम्मान की रक्षा के लिए उन्हे आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन के दौरान संघ के शैलेंद्र व्यास, अभिषेक चौरसिया सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।