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महालक्ष्मी मंदिर में श्रृंगार के लिए चढ़ाई थी एक करोड़ से अधिक की नकदी

locationरतलामPublished: Nov 12, 2018 12:34:02 pm

Submitted by:

Sourabh Pathak

महालक्ष्मी मंदिर में श्रृंगार के लिए चढ़ाई थी एक करोड़ से अधिक की नकदी
 

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महालक्ष्मी मंदिर में श्रृंगार के लिए चढ़ाई थी एक करोड़ से अधिक की नकदी

रतलाम। विश्व प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में भक्तों द्वारा श्रृंगार के लिए चढ़ाई गई नकद राशि व आभूषण रविवार को भी भक्तों को वापस नहीं मिल सकी। निर्वाचन आयोग के व्यय प्रेक्षक की टीम ने रविवार यहां बैठाकर रजिस्टर में दर्ज राशि की गणना की जो एक करोड़ तीन लाख 11433 रुपए निकली। भक्तों की सूची में 45 लोग एेसे मिले जिनके द्वारा पचास हजार से अधिक की नकदी यहां श्रृंगार के लिए चढ़ाई गई थी। उनमें से तीन भक्त पूर्व में राशि ले गए है, जबकि 42 लोगों को राशि जिला पंचायत में जाकर हिसाब देकर वहां से प्रमाण पत्र मिलने के बाद लौटाई जा सकेगी।
वहीं दूसरी और प्रशासन ने आभूषण ले जाए जाने पर किसी प्रकार की रोक नहीं होने की बात कही है। व्यय प्रेक्षकों द्वारा की जा रही गणना शाम को जब पूरी हुई तब जाकर सैकड़ों भक्तों को राहत मिली। दरअसल अब पचास हजार से कम राशि रखने वाले भक्त अपनी राशि व आभूषण यहां से बिना किसी परेशानी के ले जा सकेंगे। शाम को गणना पूरी होने के बाद शहर एसडीएम व तहसीलदार गोपाल सोनी फिर से यहां पहुंचे थे और जानकारी जुटाई। उसके बाद पचास हजार से कम राशि वालों को राशि लौटाए जाने से संबंधित निर्देश जारी कर दिए। इस बीच जो लोग राशि लेने आ रहे थे, उन्हे राशि लौटाना भी शुरू कर दी थी।
पचास हजार से अधिक का हिसाब ले रहे
निर्वाचन आयोग द्वारा गठित व्यय प्रेक्षकों की टीम सुबह तहसीलदार सोनी की मौजूदगी में पहुंची थी और मंदिर में रखे गए भक्तों के पंजीयन वाले रजिस्टर में दर्ज राशि का जोड़ लगाने में जुट गई थी। यह काम सुबह से लेकर देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान कई भक्त यहां पर राशि लेने के लिए पहुंचे तो उन्हे एक -दो दिन बाद राशि दिए जाने की बात कही गई।
आपत्ति है तो रिटर्निंग अधिकारी से बात करो
मंदिर पर भक्तों द्वारा श्रृंगार के लिए रखी गई नकदी व आभूषण नहीं लौटाए जाने की बात से नाराज होकर विहिप व हिंदू संगठन से जुड़े कुछ लोग यहां पहुंचे और संजय पुजारी से इसकी जानकारी ली। इस पर संगठन के पदाधिकारियों ने विरोध जताया तो व्यय प्रेक्षकों ने इस संबंध में शहर एसडीएम से बात करने की बात कहकर उन्हे चलता कर दिया।
अन्नकूट तक रहने दो श्रृंगार
यहां आए हिंदू संगठनों के लोगों ने पुजारी से पूछा कि यहां किया गया श्रृंगार क्यो हटा लिया। हर बार अन्नकूट महोत्सव तक यह एेसा ही बना रहता है, तो इस बार जल्दबाजी क्यो कि, पुजारी ने इस संबंध में अधिकारियों का हवाला दिया, तो उनका कहना था कि प्रशासन हमारे धार्मिक स्थल पर आज आ गया, किसी और धर्म की बात होती तो क्या उनके धार्मिक स्थल पर जाने की हिम्मत दिखा पाता।
इनका कहना है
आज से लौटाना शुरू करेंगे
– 45 भक्त एेसे थे, जिनके द्वारा 50 हजार से अधिक की नकदी श्रृंगार के लिए लाई गई थी। इनमें से तीन भक्त अपनी राशि ले जा चुके है, शेष 42 लोगों को उनकी राशि लेने के पूर्व जिला पंचायत में उसके संबंध में हिसाब देना होगा, उसके बाद उन्हे उक्त राशि लौटाई जा सकेगी। इससे कम की राशि वाले भक्त अपनी राशि बिना रोक टोक के ले जा सकेंगे।
राहुल धोटे, एसडीएम शहर
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