निर्वाचन आयोग द्वारा गठित व्यय प्रेक्षकों की टीम सुबह तहसीलदार सोनी की मौजूदगी में पहुंची थी और मंदिर में रखे गए भक्तों के पंजीयन वाले रजिस्टर में दर्ज राशि का जोड़ लगाने में जुट गई थी। यह काम सुबह से लेकर देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान कई भक्त यहां पर राशि लेने के लिए पहुंचे तो उन्हे एक -दो दिन बाद राशि दिए जाने की बात कही गई।
मंदिर पर भक्तों द्वारा श्रृंगार के लिए रखी गई नकदी व आभूषण नहीं लौटाए जाने की बात से नाराज होकर विहिप व हिंदू संगठन से जुड़े कुछ लोग यहां पहुंचे और संजय पुजारी से इसकी जानकारी ली। इस पर संगठन के पदाधिकारियों ने विरोध जताया तो व्यय प्रेक्षकों ने इस संबंध में शहर एसडीएम से बात करने की बात कहकर उन्हे चलता कर दिया।
यहां आए हिंदू संगठनों के लोगों ने पुजारी से पूछा कि यहां किया गया श्रृंगार क्यो हटा लिया। हर बार अन्नकूट महोत्सव तक यह एेसा ही बना रहता है, तो इस बार जल्दबाजी क्यो कि, पुजारी ने इस संबंध में अधिकारियों का हवाला दिया, तो उनका कहना था कि प्रशासन हमारे धार्मिक स्थल पर आज आ गया, किसी और धर्म की बात होती तो क्या उनके धार्मिक स्थल पर जाने की हिम्मत दिखा पाता।
आज से लौटाना शुरू करेंगे
– 45 भक्त एेसे थे, जिनके द्वारा 50 हजार से अधिक की नकदी श्रृंगार के लिए लाई गई थी। इनमें से तीन भक्त अपनी राशि ले जा चुके है, शेष 42 लोगों को उनकी राशि लेने के पूर्व जिला पंचायत में उसके संबंध में हिसाब देना होगा, उसके बाद उन्हे उक्त राशि लौटाई जा सकेगी। इससे कम की राशि वाले भक्त अपनी राशि बिना रोक टोक के ले जा सकेंगे।
राहुल धोटे, एसडीएम शहर