रतलाम

कवियों की किताबों को भी आत्मसात करना चाहिए

कवियों की किताबों को भी आत्मसात करना चाहिए

रतलामOct 17, 2019 / 05:55 pm

Akram Khan

कवियों की किताबों को भी आत्मसात करना चाहिए

रतलाम। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ साथ सभी विधाओं का ज्ञान हो इसके लिए विद्यालय परिवार विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता के अन्तर्गत आज हुए कविता प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, एवं तृतीय आए विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई के साथ साथ कवितायें संग्रह कर अन्य कवियों की किताबों को भी आत्मसात करना चाहिए।
उपरोक्त विचार प्राचार्य एसके रेनीवाल ने स्थानीय मॉडल स्कूल में हुई कवि-कविता-कवि प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए कही। उक्त प्रतियोगिता में एपीजे अब्दुल कलाम आजाद हाउस में प्रथम खुशहाली पौराणिक, द्वितीय प्रीति प्रजापत, महात्मा गांधी हाउस में प्रथम भूमिका सोनी, द्वितीय तनिष मेहता, स्वामी विवेकानंद हाउस में प्रथम निकिता मंडवार, द्वितीय विजय लक्ष्मी तोमर, रानी लक्ष्मीबाई हाउस में प्रथम अंगूरबला प्रजापत, द्वितीय सलोनी नेका रहे। इस अवसर पर पीसी पडियार, निर्मला बैरागी, अलका पगारिया, हाउस प्रभारी मनोज चतुर्वेदी, दीपक जैन, कामिनी वर्मा, राकेश राठौर, अजयप्रताप सिंह एवं सहयोगी हेमंती रानी, मुकेश बैरागी, तृप्ति गौड़, शेरसिंह सिसोदिया, पंकज माहेश्वरी, प्राची वोरा, सलमा मंसूरी , फहीम मंसूरीआदि उपस्थित थे।
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